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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है और पाक बुरी हालातों से गुजर रहा है। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान ने कहा है कि सेना उनकी विपक्षी पार्टी को अगला चुनाव जीतने से रोकना चाहती है और देश में एक कमजोर सरकार बनाना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लाहौर में अपने भारी सुरक्षा वाले घर में शुक्रवार शाम मीडिया के साथ बातचीत में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच अक्टूबर तक पीटीआई को कुचल देना चाहती है। उन्होंने अपने समर्थकों के गिरफ्तार होने के मामले की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। मालूम हो कि अधिकारियों ने कहा है कि वे मई में हिरासत में अपने संक्षिप्त समय के बाद सैन्य इमारतों पर हमला करने वाले को जवाबदेह ठहराना चाहते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और पिछले साल संसदीय विश्वास मत में सत्ता खोने के बावजूद लोकप्रियता के सर्वेक्षण में बहुत आगे चल रहे इमारन खान ने इन हमलों में अपने समर्थकों और पीटीआई कार्यकर्ताओं की भूमिका से इंकार किया। साथ ही उन्होंने सरकार पर अभूतपूर्व कार्रवाई करने के बहाने इस घटना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
इमरान खान ने कहा कि यह सब सत्ता प्रतिष्ठान की इस भावना पर निर्भर है कि पीटीआई अब चुनाव नहीं जीत पाएगी। एक बार जब वे इस बारे में आश्वस्त हो जाएंगे, तब वे चुनावों की घोषणा करेंगे। सरकार और सेना के प्रतिनिधियों ने फिलहाल इमरान खान के इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकी दोनों ने पहले कहा है कि इमरान खान और उनके समर्थकों ने राज्य के स्वामित्व वाली संपत्ति पर हमले के साथ सभी सीमा पार कर ली है।
मीडिया से बातचीत में इमरान खान ने कहा कि किसी भी पार्टी के लिए एक मजबूत जनादेश जीतना मुश्किल होगा, जिससे खंडित सरकार को गंभीर वित्तीय स्थिति से जूझना पड़ेगा, जिसने उनके उत्तराधिकारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद लेने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने मौजूदा संकट के लिए शरीफ सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आगे कहा कि कई प्रमुख राजनेता के पार्टी छोड़ने के बावजूद उनके और उनकी पार्टी के लिए जनता का समर्थन बढ़ रहा है।
Rani Sahu
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