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टेक्सास। एक बच्ची का दोबार जन्म होना बताया जा रहा है। पहले उस बच्ची को गर्भ से निकाला गया, इसके बाद बेबी के स्पाइन से ट्यूमर निकाला और फिर उसे पुनः मां के पेट में सुरक्षित रखा गया। लोग इसे चमत्कार ही मान हरे हैं। ऐसा टेक्सास (अमेरिकी राज्य) के एक हॉस्पिटल के नाइजीरियन डॉक्टर ओलुइंका ओलुटिए ने किया है। उन्होंने मां के गर्भ में पल रही 23 हफ्ते की बच्ची को बाहर निकाला और फिर उसकी सर्जरी करके पुनः सफलतापूर्वक पेट में रख दिया। कमाल की बात है, बच्ची ठीक 36 हफ्ते बाद पैदा हुई वो भी बिल्कुल स्वस्थ है। दरअसल लिनली बोएमर एक ऐसी बच्ची है जिसका दो बार जन्म हुआ है। हुआ कुछ यूं कि लिनली की मां मार्गरेट साल 2015 में अपने ट्वीन बच्चों से प्रेग्नेंट थीं। रेगुलर मेडिकल टेस्ट के दौरान पता चला कि लिनली के स्पाइन में एक दुर्लभ ट्यूमर विकसित हो रहा है जिसे साइक्रोकॉक्सिजियल टेराटोमा कहा जाता है। जिसे हटाना काफी जरूरी था, अन्यथा बेबी के जीवन को खतरा हो सकता था।
तभी, टेक्सास चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में काम कर रहे नाइजीरियन डॉक्टर ओलुइंका ओलुटिए ने बच्ची को गर्भ से निकाल कर उस ट्यूमर को हटाने का फैसला लिया। गर्भ में बच्ची की उम्र मात्र 23 सप्ताह थी। सफल सर्जरी करने के बाद डॉक्टरों ने उसे पुनः मां के गर्भ में सफलतापूर्वक रख दिया। ठीक 36 महीने 5 दिन के बाद मार्गरेट ने स्वस्थ बच्ची लिनली को जन्म दिया। लेकिन जन्म के कुछ दिन बाद ही उसकी पुनः सर्जरी हुई जिसके बाद उसके शरीर से ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया गया। अब लिनली काफी स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन जी रही है। बच्ची को गर्भ से निकालकर पहले की सर्जरी, फिर वापस पेट में रखा
टेक्सास (ईएमएस)। एक बच्ची का दोबार जन्म होना बताया जा रहा है। पहले उस बच्ची को गर्भ से निकाला गया, इसके बाद बेबी के स्पाइन से ट्यूमर निकाला और फिर उसे पुनः मां के पेट में सुरक्षित रखा गया। लोग इसे चमत्कार ही मान हरे हैं। ऐसा टेक्सास (अमेरिकी राज्य) के एक हॉस्पिटल के नाइजीरियन डॉक्टर ओलुइंका ओलुटिए ने किया है। उन्होंने मां के गर्भ में पल रही 23 हफ्ते की बच्ची को बाहर निकाला और फिर उसकी सर्जरी करके पुनः सफलतापूर्वक पेट में रख दिया। कमाल की बात है, बच्ची ठीक 36 हफ्ते बाद पैदा हुई वो भी बिल्कुल स्वस्थ है। दरअसल लिनली बोएमर एक ऐसी बच्ची है जिसका दो बार जन्म हुआ है। हुआ कुछ यूं कि लिनली की मां मार्गरेट साल 2015 में अपने ट्वीन बच्चों से प्रेग्नेंट थीं। रेगुलर मेडिकल टेस्ट के दौरान पता चला कि लिनली के स्पाइन में एक दुर्लभ ट्यूमर विकसित हो रहा है जिसे साइक्रोकॉक्सिजियल टेराटोमा कहा जाता है। जिसे हटाना काफी जरूरी था, अन्यथा बेबी के जीवन को खतरा हो सकता था।
तभी, टेक्सास चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में काम कर रहे नाइजीरियन डॉक्टर ओलुइंका ओलुटिए ने बच्ची को गर्भ से निकाल कर उस ट्यूमर को हटाने का फैसला लिया। गर्भ में बच्ची की उम्र मात्र 23 सप्ताह थी। सफल सर्जरी करने के बाद डॉक्टरों ने उसे पुनः मां के गर्भ में सफलतापूर्वक रख दिया। ठीक 36 महीने 5 दिन के बाद मार्गरेट ने स्वस्थ बच्ची लिनली को जन्म दिया। लेकिन जन्म के कुछ दिन बाद ही उसकी पुनः सर्जरी हुई जिसके बाद उसके शरीर से ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया गया। अब लिनली काफी स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन जी रही है।
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