शरीफ ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में बोला कि आईएमएफ समझौते के कारण हमें बिजली की कीमतें बढ़ानी पड़ीं.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को बोला कि पाक ने तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समझौते के अनुसार अपनी बिजली दरों में फिर से वृद्धि की है, जो बिजली और गैस क्षेत्र में अस्थिर सार्वजनिक कर्ज को कम करने के कदम का हिस्सा है. उन्होंने बोला कि प्रति यूनिट 5.75 पाकिस्तानी रुपये ($0.020) तक की मूल्य वृद्धि का गरीब नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 200 यूनिट तक के कंज़्यूमरों – कुल का 63% – को टैरिफ वृद्धि से छूट दी जाएगी और अन्य 31% आंशिक सब्सिडी के लिए पात्र होंगे.
शरीफ ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में बोला कि आईएमएफ समझौते के कारण हमें बिजली की कीमतें बढ़ानी पड़ीं. ऋणदाता ने कहा था कि बकाया बढ़ने और बार-बार बिजली कटौती के साथ बिजली क्षेत्र में तरलता की स्थिति गंभीर थी. बकाया सार्वजनिक कर्ज का एक रूप जो सब्सिडी और अवैतनिक बिलों के कारण बनता है. पिछले महीने एक समझौते पर पहुंचने से पहले आईएमएफ और इस्लामाबाद के बीच आठ महीने की वार्ता में एक प्रमुख मामला था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बिजली उत्पादन कंपनियों का ऋण लगभग 2.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये ($9.04 बिलियन) हो गया है, जो गैस क्षेत्र के लिए लगभग 1.6 ट्रिलियन रुपये ($5.56 बिलियन) का एक अलग सरकारी कर्ज दर्शाता है.
शरीफ ने बोला कि यह एक बड़ा छेद है. उन्होंने आगे बोला कि हमें इससे युद्धस्तर पर निपटना होगा.” उन्होंने बोला कि बिजली क्षेत्र चोरी से घिरा हुआ है, जिस पर काबू पाने की आवश्यकता है. नयी बिजली टैरिफ वृद्धि पिछले साल की तुलना में कई ऐसी बढ़ोतरी के शीर्ष पर आई है, जिसमें इस साल की आरंभ में स्वीकृत वित्त साल 2023-24 के लिए प्रति यूनिट 1 पाकिस्तानी रुपये का अतिरिक्त अधिभार भी शामिल है. टैरिफ वृद्धि कई भयावह कदमों में से एक है जिसे इस्लामाबाद को आईएमएफ के राजकोषीय कठोर तरीकों को पूरा करने के लिए उठाना पड़ा. मूल्य वृद्धि ने 220 मिलियन की जनसंख्या वाले राष्ट्र में मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया है, जो 38% को छूने के बाद अब 29% पर है.