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इस देश में कंपनी ने खोजी खास तकनीक, क्या मुर्दे हो सकेंगे 'जिंदा'?
Gulabi Jagat
6 July 2022 7:04 AM GMT
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मेडिकल साइंस ने आज बहुत तरक्की कर ली है
मेडिकल साइंस ने आज बहुत तरक्की कर ली है. बाजार में ऐसी ऐसी कई मशीनें आ गईं हैं जो इलाज के दौरान हमें अचंभित करती हैं. बड़ी से बड़ी सर्जरी और बीमारी का इलाज अब आसानी से हो जाता है, लेकिन आज भी वैज्ञानिक आदमी को जिंदा करने की टेक्निक नहीं खोज सके हैं. हालांकि आस्ट्रेलिया की एक कंपनी ने इस दिशा में काफी करीब पहुंचने का दावा किया है. कंपनी का कहना है कि वो इंसानों को जिंदा करने के काफी करीब ले जा सकती है और भविष्य में इंसान जिंदा भी हो सकता है. आइए जानते हैं क्या है इस दावे की हकीकत और यह कैसे संभव होगा.
-200 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाएगा शव
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह करिश्मा ऑस्ट्रेलिया की सदर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) कंपनी ने किया है. इस कंपनी का मुख्य ऑफिस सिडनी में है. सदर्न क्रायोनिक्स का कहना है कि उसने होलब्रुक्र में एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसमें मरे हुए इंसान के शव को -200 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर में एक बॉक्स में रखा जाएगा. इससे वह एकदम उसी कंडीशन में रहेगा, जिसमें उस रखा गया था. कंपनी का दावा है कि अगर फ्यूचर में इंसान को जिंदा करने की कोई तकनीक आती है तो लाश को बॉक्स में से निकालकर उन्हें नई जिंदगी दे दी जाएगी.
1 करोड़ रुपये होगी फीस
कंपनी की मानें तो वह इस सुविधा के लिए ग्राहकों से 1 करोड़ से अधिक का चार्ज वसूल करेगी. इस टेक्निक की बात करें तो कंपनी इंसान के लाश को लिक्विड नाइट्रोजन में -200 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में एक स्टील के चैम्बर में उल्टा करके रखेगी. शव को उल्टा रखने की वजह ये है कि अगर चैम्बर लीक हो जाता है तो भी ब्रेन बचा रहे.
अभी 40 शवों को रखने की क्षमता
कंपनी का कहना है कि, उसके पास अभी ऐसे 40 बॉक्स हैं, यानी वह 40 शवों को रख सकती है. हालांकि मैनेजमेंट का कहना है कि जल्द ही हम इसकी संख्या बढ़ाएंगे और एक ऐसा वेयरहाउस बनाएंगे जहां 600 लाशों को इस तरह रखने की व्यवस्था हो. बताया गया है कि कंपनी के इस प्रोजेक्ट को साइंस में क्रायोनिक्स नाम से जाना जाता है. इसमें शव को अगर जल्दी जमा दिया जाए तो उसे मौत से पलटा जा सकता है.
Tagsमेडिकल साइंस
Gulabi Jagat
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