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सबसे बड़ा नरसंहार, इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 1100 से अधिक की मौत

Admin4
9 Oct 2023 8:04 AM GMT
सबसे बड़ा नरसंहार, इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 1100 से अधिक की मौत
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फिलिस्तीनी। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हवाई हमले के तीसरे दिन आज (सोमवार) भी दोनों तरफ से रॉकेट और मिसाइलें गरज रही हैं। इजराइल के कई इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और हमास के हथियारबंद हमलावरों के बीच सीधी लड़ाई चल रही है। इजराइली वायुसेना ने हमास के नियंत्रण वाले गाजा पर हमला कर दिया है। उसके लड़ाकू विमानों ने गाजा पट्टी में 426 ठिकानों को निशाना बनाया है। हमले में अब तक करीब 700 इजराइली मारे जा चुके हैं। इनमें 57 सैन्यकर्मी और 34 पुलिसकर्मी शामिल हैं। साथ ही करीब 2200 लोग घायल हुए हैं। इजराइल ने 400 से ज्यादा हमास आतंकियों को मार गिराया है। हमास के हमले के बाद से दोनों पक्षों के 1,100 से अधिक लोग मारे गए हैं। जबकि हमास के करीब 2300 लड़ाके घायल हुए हैं। आतंकी संगठन के हमले में 18 विदेशी नागरिक भी मारे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स और अखबारों में इस भयावह घटना को सबसे ज्यादा प्रमुखता दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमास के हमले में 10 नेपाली, चार अमेरिकी, दो यूक्रेनियन, एक ब्रिटिश और एक फ्रांसीसी नागरिक की भी जान चली गई है। इसके अलावा जर्मन नागरिकों के मारे जाने और अमेरिकी नागरिकों को बंधक बनाए जाने की भी बात कही जा रही है। लेबनान के बड़े इलाके पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने भी इस लड़ाई में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने लेबनान से इजराइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे। उत्तरी इज़राइल के माउंड डोव में तीन सैन्य ठिकानों पर मोर्टार से हमला किया गया।
हिजबुल्लाह ने कहा है कि इजराइल को यह नहीं समझना चाहिए कि हमास अकेला है। वह उसे सैन्य साजो-सामान मुहैया कराएंगे। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इन हमलों के जवाब में इजराइल ने लेबनान में हवाई हमले किए हैं। रविवार शाम से इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच आमने-सामने की जमीनी लड़ाई भी शुरू हो गई। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंकी संगठनों को चेतावनी दी है कि उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमास के हमले से चिंतित अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और यूक्रेन ने इजराइल को समर्थन देने का ऐलान किया है। वहीं, इजराइली हमलों से बचने के लिए गाजा इलाके में रहने वाले 20 हजार फिलिस्तीनी अपना घर छोड़कर बाहरी इलाके में बने 44 स्कूलों में आ गए हैं। संयुक्त राष्ट्र उनके लिए जरूरी इंतजाम कर रहा है।
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