विश्व

रूस-यूक्रेन के बीच तनाव जारी, पुतिन के व्यवहार से कई देश खफा

Subhi
23 Feb 2022 1:21 AM
रूस-यूक्रेन के बीच तनाव जारी, पुतिन के व्यवहार से कई देश खफा
x
रूस-यूक्रेन के बीच संकट गहाराता जा रहा है. दोनों देशों के बीच युद्ध का माहौल लगातार बना हुआ है. दोनों देशों की तनातनी के बीच पश्चिमी देशों ने पुतिन के कठोर व्यवहार और उनके सख्त कदमों पर नाराजगी व्यक्त की है.

रूस-यूक्रेन के बीच संकट गहाराता जा रहा है. दोनों देशों के बीच युद्ध का माहौल लगातार बना हुआ है. दोनों देशों की तनातनी के बीच पश्चिमी देशों ने पुतिन के कठोर व्यवहार और उनके सख्त कदमों पर नाराजगी व्यक्त की है. वहीं, भारत ने भी इस स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. भारत ने कहा है कि यूक्रेन में रह रहे 20 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है. रूसी टैंकों के डोनेत्स्क शहर की ओर बढ़ने पर यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं.

पुतिन को नहीं मिल रहा समर्थन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों को रूसी नियंत्रण में लाने के लिए उनके कदमों को लेकर सोमवार रात एक आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कोई समर्थन नहीं मिला. अमेरिका ने पुतिन के कदमों को हमला करने का एक बहाना बताया, वहीं कई सदस्यों ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन की निंदा की. यहां तक ​​कि रूस के करीबी सहयोगी चीन ने भी कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया.

पुतिन के कदमों की हो रही निंदा

यूक्रेन ने दोनेत्स्क और लुहान्स्क के अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने सहित विभिन्न मुद्दों पर पुतिन के कदमों की निंदा करने के लिए सोमवार को अमेरिका, पांच यूरोपीय देशों और मेक्सिको के साथ विशेष सत्र का आह्वान किया. रूस इस महीने सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और वह चाहता था कि बैठक नहीं हो, लेकिन राजनयिकों ने कहा कि पश्चिमी देशों और अन्य सदस्यों के तीव्र दबाव में वे खुले सत्र के लिए सहमत हुए.

अमेरिका ने पुतिन की घोषणा को बताया बकवास

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने पुतिन की इस घोषणा को 'बकवास' बताते हुए खारिज कर दिया कि रूसी सैनिक शांतिरक्षक सैनिकों के रूप में अलगाववादी क्षेत्र में होंगे. उन्होंने कहा कि रूसी सैनिकों की उपस्थिति यूक्रेन पर एक और आक्रमण के लिए 'स्पष्ट रूप से बहाना बनाने के रूसी प्रयास का आधार है. संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिवेरे ने कहा कि रूस, चुनौती और टकराव का रास्ता चुन रहा है जबकि फ्रांस व जर्मनी सहित अन्य देशों ने पिछले दिनों में तनाव कम करने के लिए अथक प्रयास किए हैं.'

'हम इन प्रयासों को जारी रखेंगे'

उन्होंने कहा, 'हम इन प्रयासों को जारी रखेंगे और रूस से अपनी कथनी और करनी एक रखने, अलगाववादी इकाइयों को मान्यता देने का फैसला वापस लेने क अपील करेंगे....' संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने सुरक्षा परिषद से रूस से किसी भी सैन्य कार्रवाई को रोकने, एक संप्रभु राज्य के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की निंदा करने और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने एवं रूस से संयुक्त राष्ट्र 'चार्टर' के तहत अपने दायित्वों का सम्मान करने का आह्वान करने का आग्रह किया. परिषद की कार्रवाई पर रूस के वीटो अधिकार को देखते हुए यह लगभग असंभव है.

Next Story