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जो अब गहरी दरार के रूप में बदलता नजर आ रहा है.
पाकिस्तान (Pakistan) और तालिबान (Taliban) में पिछले साल शुरू हुआ मीठे पलों का दौर अब धीरे-धीरे कड़वाहट में बदलता जा रहा है. तालिबान ने सोमवार को एक के बाद एक 2 झटके दिए. एक और तो उसने अफगानिस्तान (Afghanistan) में भारत की भूमिका की जमकर प्रशंसा की और उसे पहले की तरह विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का आग्रह किया. वहीं अब पाकिस्तान को अपने देश में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी देकर उसे हक्का-बक्का कर कर दिया है.
'पाकिस्तान नहीं माना तो जवाब देंगे'
सूत्रों के मुताबिक तालिबान (Taliban) के रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने कहा, 'हमारी जानकारी के अनुसार अमेरिकी ड्रोन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में दाखिल होते हैं और फिर यहां निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं. हमने पाकिस्तान सरकार को बता दिया है कि वह अपने एयरोस्पेस का इस्तेमाल हमारे खिलाफ न होने दें. अगर इस पर रोक नहीं लगाई तो फिर हम भी अपने तरीके से पाकिस्तान को जवाब देंगे.'
तालिबान ने पाकिस्तान को दी धमकी
तालिबान (Taliban) ने यह धमकी अल कायदा के आतंकी आयमन अल-जवाहिरी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के एक महीने बाद दी है. जवाहिरी तालिबान के संरक्षण में काबुल में छिपकर रह रहा था और दुनिया में आतंकी संगठन अल कायदा का संचालन कर रहा था. तालिबान का मानना है कि पाकिस्तान (Pakistan) सरकार ने ही जवाहिरी के ठिकाने की खुफिया जानकारी अमेरिका को दी और अपना एयरोस्पेस उसे उपलब्ध करवाया. जिसके बाद उसने ड्रोन हमले में उसे मार गिराया.
चेतावनी से बौखला गया पाकिस्तान
अब इस मुद्दे पर तालिबान (Taliban) की दो-टूक चेतावनी से पाकिस्तान बौखला गया है. उसने तालिबान के शीर्ष नेताओं से कहा है कि वह ऐसे भड़काऊ बयानों पर रोक लगवाए. ऐसे बयान दोनों के रिश्तों को खराब कर देंगे और इससे किसी भी पक्ष को फायदा नहीं होगा. पाकिस्तान ने कहा है कि बिना किसी सबूत के ऐसे आरोप लगाना बिल्कुल गलत है. पहले अब्दुल घनी की सरकार भी यही गलती करती थी और अब तालिबान के कुछ नेता भी इसे दोहरा रहे हैं.
मुराद पूरी न होने के है निराश
बताते चलें कि अपने धन-बल के जरिए तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज करवाने वाले पाकिस्तान (Pakistan) को उम्मीद थी कि सत्ता पर कब्जे के बाद वहां वह अपनी मनमर्जी के मुताबिक सरकार चलवाने में कामयाब होगा लेकिन उसकी यह मुराद पूरी नहीं हो पाई. तालिबान (Taliban) के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वे अपने देश की जरूरतों के अनुरूप नीतियां चलाएंगे. तालिबान के पिट्ठू बनने से इनकार से पाकिस्तान नेताओं को गहरा झटका लगा, जो अब गहरी दरार के रूप में बदलता नजर आ रहा है.
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