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उसे किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं हुआ, जो एडवांस जानकारी दिखाता है।
जकार्ता: आज आधुनिक समय में मेडिकल साइंस बहुत तरक्की कर गया है। लेकिन अगर आपको लगता है कि पिछले सदियों में ये तरक्की हुई है तो आप गलत हो सकते हैं। हाल ही में एक नए शोध से पता चला है कि पाषाण काल के इंसानों के पास मेडिकल साइंस की एडवांस जानकारी थी। इंडोनेशिया की एक गुफा में पुरातत्वविदों को एक कंकाल मिला है जो मेडिकल हिस्ट्री को बदल सकता है। रेडियो कार्बन डेटिंग से वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 31,000 हजार साल पहले पूर्वी कालीमंतन प्रांत में लियांग तेबो गुफा में ये कंकाल दफन किया गया था।
ये कंकाल एक महिला का है या पुरुष का इसके बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं को इस कंकाल की खोज के दौरान एक हैरान करने वाली चीज मिली है। जर्नल नेचर में छपे शोध में उन्होंने पाया कि इस कंकाल में बायां पैर नहीं है। शोध से पता चला है कि किशोर अवस्था से पहले ही इसका पैर बेहद सावधानी और सफाई के साथ काट दिया गया था। 19 से 21 साल की उम्र में अज्ञात कारणों से इसकी मौत हो गई।
सात हजार साल पुराने कंकाल का नहीं है हाथ
साल 2020 में भी ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में पुरातत्वविदों को एक पूरा कंकाल मिला था, जिसमें सर्जिकल कौशल का पता चला था। ये शुरुआती रेकॉर्ड हैं जो पाषाण काल के लोगों के प्रति हमारी समझ को एक दम बदल देते हैं। विशेषज्ञों का मानना था कि पिछले 10 हजार साल में खेती शुरु करने और स्थायी बस्तियों में रहने से पहले इंसानों के पास चिकित्सा या कठिन ऑपरेशन से जुड़ा ज्ञान नहीं था। अध्ययन में कहा गया कि इस खोज से पहले अंग काटने से जुड़ा सबसे पुराना कंकाल सात हजार साल पुराना था। ये फ्रांस में है, जिसके हाथ को कोहनी के ऊपर से काटा गया था।
पैर काटने के बाद भी जिंदा रहा
ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता टिम मैलोनी ने कहा कि सिर्फ 100 साल पहले ही सर्जिकल तरीके से अंगों को काटना पश्चिम में आदर्श बना। इससे पहले अंगों को काटने के दौरान ज्यादा खून बहने, इनफेक्शन या शॉक से ही लोगों की मौत जाती थी। शोध में आगे कहा गया कि इंडोनेशिया में मिले कंकाल का पैर हजारों साल पहले बचपन में काटा गया था। इसके बावजूद वह छह से 9 वर्ष तक जिंदा रहा। उसे किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं हुआ, जो एडवांस जानकारी दिखाता है।
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