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लंदन । ब्रिटेन के किंग चार्ल्स-तृतीय पर पिछले साल अंडे फेंकने वाले छात्र को लंदन की यॉर्क अदालत ने शुक्रवार को दोषी पाया है। चार्ल्स पर अंडे फेंकने वाले छात्र ने दावा किया कि वह राज्य में हो रही हिंसा का जवाब दे रहा था। आरोपी शख्स 23 वर्षीय पैट्रिक थेलवेल है, जिसे अब 100 घंटे तक बिना किसी वेतन के सामुदायिक कार्य करने की सजा सुनाई गई है। थेलवेल को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था।
यॉर्क की अदालत के मुख्य मजिस्ट्रेट न्यायाधीश पॉल गोल्डस्प्रिंग ने छात्र को दोषी पाया है। उन्होंने कहा कि थेलवेल किंग चार्ल्स को विश्वास दिलाने में लगे थे कि चार्ल्स-तृतीय के खिलाफ जल्द ही गैरकानूनी हिंसा का इस्तेमाल किया जाएगा। थेलवेल ने अदालत में अपने ऊपर लगाए गए अपराध को खारिज कर दिया। आरोपी छात्र ने कहा कि किंग चार्ल्स पर अंडा फेंकना यह कोई हिंसा नहीं थी, बल्कि यह ब्रिटिश राज्य द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ एक आत्मरक्षा थी।
बीते साल किंग चार्ल्स-तृतीय को शाही दौरे के समय विरोध का सामना करना पड़ा था। मालूम हो कि सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद वह किंग बने हैं। किंग बनने के बाद से ही वह पूरे ब्रिटेन में व्यापक रूप से यात्रा कर रहे थे, जब किंग और उनकी पत्नी क्वीन कैमिला 9 नवंबर उत्तरपूर्वी शहर यॉर्क में सदस्यों से मिल रहे थे, तभी पैट्रिक थेलवेल ने चार्ल्स पर कम से कम पांच अंडे से निशाना बनाया था। भीड़ में लोगों ने थेलवेल को ‘शेम ऑन यू’ कहा तो कुछ ने चार्ल्स को बचाने के लिए ‘गॉड सेव द किंग’ के नारे लगाए।
मालूम हो कि ब्रिटेन के शाही परिवार के ऊपर अंडा फेंके जाने की घटना कोई नई बात नहीं है। साल 2002 में क्वीन एलिजाबेथ-द्वितीय की शाही कार पर अंडे फेंके गए थे। वह उस समय मध्य इंग्लैंड नॉटिंघम का दौरा कर रही थीं। वहीं ब्रिटिश राजशाही विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा साल 1995 में तत्कालीन प्रिंस चार्ल्स पर सेंट्रल डबलिन में वॉकआउट के दौरान अंडा फेंका गया था।
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