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गैस पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने से यूएस गैस के दामों को बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी 7 माह से अधिक की जंग की कीमत समूचे यूरोप को चुकानी पड़ी है। इसकी वजह से आए उतार-चढ़ाव के बीच जिस तरह से रूस ने यूरोप को जाने वाली गैस में पहले कमी की और फिर इसको बंद कर दिया, उससे यूरोप की समस्या काफी बढ़ गई। रूस का कहना था कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए प्रतिबंधों के असर की वजह से यूरोप को ये सभी कुछ झेलना पड़ रहा है। लेकिन अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से जो बयान आया है वो अपने आम में काफी अहम हो गया है। उन्होंने कहा है कि रूस नार्ड स्ट्रीम 1 पाइप लाइन के जरिए यूरोप को गैस की सप्लाई करने को तैयार है। अपने बयान में राष्ट्रपति पुतिन ने ये भी साफ कर दिया है कि ये सप्लाई केवल उन्हीं देशों को की जाएगी जिन्होंने गैस की कीमतों पर कैपिंग नहीं की हुई है।
यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले
बता दें कि 7 माह के दौरान रूस के यूक्रेन पर किए गए ताबड़तोड़ हमलों की वजह से यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है। पिछले दिनों रूस की बाल्टिक सागर में बिछाई गई नार्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन से रिसाव की खबरें भी सामने आई थीं। इसके लिए अमेरिका और यूरोप ने रूस के हमलों को जिम्मेदार ठहराया था। जानकारों का ये भी कहना था कि ये रिसाव को जल्द ठीक न किया गया तो पाइपलाइन में जंग लग जाएगा और इसका नुकसान समुद्री जीव-जंतुओं पर भी पड़ेगा। रूस की तरफ से आए ताजा बयान में राष्ट्रपति पुतिन ने इस मुद्दे को यूरोपीयन यूनियन की तरफ उछाल दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि वो चाहेंगे तो सप्लाई चालू कर दी जाएगी।
नार्ड स्ट्रीम 1
राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक सप्लाई लीकेज से बची पाइपलाइन के द्वारा की जाएगी। आपको बता दें कि नार्ड स्ट्रीम 2 को रूस ने नार्ड स्ट्रीम 1 में बार-बार आ रही खराबी के मद्देनजर ही डाला था। काफी समय पहले ही इसका काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक ये चालू नहीं हो सकी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों को उसके खिलाफ लगाए प्रतिबंधों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने पाइपलाइन में आई तकनीकी खराबी का भी इस बयान में कोई जिक्र नहीं किया है। ये इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले रूस बार-बार ये ही कह रहा था कि पाइपलाइन में तकनीकी खराबी आने की वजह से गैस की सप्लाई नहीं हो रही है।
एनर्जी क्राइसेस
राष्ट्रपति पुतिन ने मास्को में हुई एनर्जी इंडस्ट्री की बैठक में ये अहम बयान दिया है। उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा प्राइस कैप लगाने को गैस की सप्लाई बाधित करने की वज बताया है। उन्होंने कहा है कि इस वजह से विश्व की एनर्जी मार्किट खराब हो गई है। इसके अलावा उन्होंने इसको इंटरनेशनल टेररिज्म का नाम दिया है। इसके लिए उन्होंने अमेरिका और यूक्रेन को सीधेतौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि गैस पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने से यूएस गैस के दामों को बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा है।
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