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राष्ट्रीय कार्यकारी समिति में बताया था। कई अन्य पूर्व मंत्रियों ने भी आयोग के समक्ष गवाही दी है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने अरबों का घोटाला करने वाले यूपी के गुप्ता बंधुओं पर जमकर भड़ास निकाली है। रामाफोसा ने पहली बार यह स्वीकार किया कि अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस के भीतर मतभेदों के कारण देश में घोटाले में कथित तौर पर लिप्त गुप्ता परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो सकी। गुप्ता बंधु इस समय दक्षिण अफ्रीका से फरार चल रहे हैं।
सरकारी संस्थानों और प्रांतीय सरकार में अरबों रैंड के गबन के आरोपी तीन गुप्ता बंधुओं के साथ पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के संबंधों का जिक्र करते हुए रामाफोसा ने कहा, 'उन्होंने तंत्र में बड़ी सफाई से घुसपैठ बना लिए थे। उनकी स्वीकार्यता थी, उनकी पहुंच थी। चेतावनी के संकेत दिए गए थे जिन पर ध्यान नहीं दिया गया।' गुरुवार को जांच आयोग के समक्ष गवाही में रामाफोसा ने कहा कि पार्टी के कुछ सदस्यों ने पार्टी को इन संबंधों के बारे में आगाह किया था।
'हमारी पार्टी के सर्वोच्च नेता के मित्र'
राष्ट्रपति ने कहा, 'आगाह किया गया था और चौकन्ना होने की जरूरत थी। लेकिन मेरे खयाल से गुप्ता परिवार के मामले में हमारी आंखों पर पट्टी बंध गई थी क्योंकि हमें लगता था कि वे हमारी पार्टी के सर्वोच्च नेता के मित्र हैं।' रामाफोसा ने बताया कि परिवहन मंत्री फिकिले एमबौला ने कई बार इस बारे में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति में बताया था। कई अन्य पूर्व मंत्रियों ने भी आयोग के समक्ष गवाही दी है।
रामाफोसा ने उस घटना का जिक्र भी किया जब गुप्ता परिवार के यहां विवाह समारोह में शामिल होने भारत से मेहमानों को लेकर आया विमान वायुसेना के वॉटरक्लूफ ठिकाने पर उतरा था। गुप्ता परिवार कथित तौर पर दुबई में आत्म निर्वासन में है और दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि वे यहां आपराधिक आरोपों का सामना कर सकें। दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला द्वारा 1994 में देश का पहला लोकतंत्र स्थापित करने के बाद गुप्ता बंधु - अजय, अतुल और राजेश अपने परिवारों के साथ यहां आ गए थे।
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