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भारत में कैंसर के कुल मामलों का करीब 27 प्रतिशत तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है।
वाशिंगटन: धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों को कैंसर का अधिक खतरा हो सकता है। 'द लांसेट जर्नल' में प्रकाशित एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के आसपास रहने से फेफड़े में प्रवेश करने वाला धुआं इस रोग (कैंसर) का 10वां सबसे बड़ा कारक है। ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स (जीबीडी)2019 अध्ययन के नतीजों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने यह जांच की कि कैसे 34 व्यावहारिक, पर्यावरणीय और पेशेवर कारक 2019 में 23 तरह के कैंसर से मौत और खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार रहे।
कैंसर के तीन प्रमुख कारण जानें
अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान, शराब का सेवन और शरीर का अधिक वजन होना कैंसर के तीन शीर्ष कारक हैं। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि प्रतिदिन धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के आसपास रहने वाले सभी लोगों के फेफड़े में तंबाकू का धुआं प्रवेश करता है। उन्होंने इस तरह से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों के अनुपात का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किए।
इन कारणों से भी हो सकता है कैंसर
इनके बाद, असुरक्षित यौन संबंध, रक्त में शर्करा की अधिक मात्रा, वायु प्रदूषण, एस्बेस्टस के प्रदूषण के संपर्क में आने, साबूत अनाज और दूध की कम मात्रा वाले आहार तथा धूम्रपान करने वाले अन्य व्यक्ति के आसपास मौजूदगी भी इसके कारकों में शामिल हैं। इन कारकों से 2019 में 37 लाख लोगों की मौत हुई थी।
कैंसर की सबसे बड़ी वजह है तंबाकू
2025 तक कैंसर का सबसे आम रूप ब्रेस्ट कैंसर (2.4 लाख) होने का अनुमान है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के 1.1 लाख मामले तथा मुंह के कैंसर के 90 हजार मामले सामने आ सकते हैं। भारत में कैंसर के कुल मामलों का करीब 27 प्रतिशत तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है।
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