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सना, (आईएएनएस)| सऊदी अरब और यमन के हूथी मिलिशिया के बीच युद्ध की आपदा झेल रहे देश में संघर्ष विराम फिर लागू करने के लिए सीधी वार्ता शुरू हो गई है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने रविवार को शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि सऊदी अधिकारियों और हूथी के बीच यमन की राजधानी सना में पहली बार बातचीत हो रही है। सना इस समय ईरान समर्थित मिलिशिया हूथी के नियंत्रण में है।
अधिकारी ने बताया कि इन वार्ताओं से यमन में जारी संघर्ष के समाधान की उम्मीद जगी है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि वार्ता का सकारात्मक परिणाम निकलेगा। उन्होंने संकेत दिए कि स्थानीय युद्धरत पक्ष और सऊदी अरब शुरुआती तौर पर छह महीने के संघर्ष विराम को, जो समाप्त हो चुका है, एक वर्ष तक बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों के भीतर संघर्ष विराम की आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है।
इससे पहले शनिवार को यमन के अधिकारियों ने खुलासा किया कि मिलिशिया के नेताओं के साथ संघर्ष विराम वार्ता के लिए सऊदी अरब और ओमान का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सना पहुंचा है। हालांकि रियाद या हूथी ने अभी तक चर्चाओं के विवरण के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया है।
एक राजनयिक के अनुसार, यमन सरकार के अधिकारी देश के गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए तीन साल की व्यापक शांति योजना पर चर्चा करने के लिए 7 अप्रैल को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एकत्रित हुए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित योजना, जो पिछले कुछ महीनों से मस्कट में सऊदी अरब और हूथी मिलिशिया के बीच दरवाजे के पीछे हुई वार्ता की एक श्रंखला का परिणाम है, के तीन मुख्य चरण हैं जिन्हें तीन वर्षों की अवधि में लागू किया जाएगा।
ओमान और संयुक्त राष्ट्र ने यमनी सरकार, सऊदी अरब और हूथी समूह के बीच पिछले दौर की वार्ता में मध्यस्थता की है।
वार्ता कराने और दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में ओमान की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
संयुक्त राष्ट्र संघर्ष का राजनीतिक समाधान तलाशने में बिचौलिए का काम कर रहा है, लेकिन युद्धरत पक्षों के बीच परस्पर विश्वास की कमी और जमीनी स्तर पर जारी हिंसा के कारण पिछले प्रयास विफल रहे हैं।
यमन 2014 से एक विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझा हुआ है। हूथी वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2015 में यमनी सरकार के समर्थन में संघर्ष में हस्तक्षेप किया था।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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