x
जेद्दा | स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस्लामिक देशों के सबसे बड़े संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने इसे लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने और कुरान के कथित अपमान से बचने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्रवाई की बात की गई है.
57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना पर सऊदी अरब स्थित अपने मुख्यालय जेद्दा में एक आपात बैठक बुलाई थी. घटना बकरीद के मौके पर हुई थी जिसकी वजह से इस्लामिक देश और भी ज्यादा गुस्से में हैं.
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत समेत सभी मुस्लिम देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. मोरक्को ने विरोध जताते हुए अपने राजदूत को अनिश्चितकाल के लिए स्वीडन से वापस बुला लिया है.
ओआईसी ने आपात बैठक के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, 'ओआईसी ने अपने सदस्य देशों से कहा है कि वो उन देशों को रोकने के लिए एक साथ आएं जो इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जला रहे हैं.'
बयान में ओआईसी के महासचिव हिसैन ब्राहिम ताहा के हवाले से कहा गया कि 'कुरान का अपमान करना सिर्फ एक सामान्य इस्लामोफोबिया की घटना नहीं है.
उन्होंने कहा, 'दुनिया भर के देशों से हमारी अपील है कि वो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें जो धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है.'
ताहा ने आपात बैठक में कुरान जलाने वाले शख्स सलवान मोमिका के नफरत भरे कृत्य की कड़ी निंदा की. कुरान जलाने के विरोध में इराक की राजधानी बगदाद स्थित स्वीडिश दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए हैं. इराक, कुवैत, यूएई और मोरक्को ने स्वीडन के राजदूतों को बुलाकर उनसे अपना विरोध जाहिर किया है.
ईरान स्वीडन में नहीं भेजेगा अपना राजदूत
घटना के विरोध में ईरान ने स्वीडन में अपने नए राजदूत को भेजने से इनकार कर दिया है. ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने रविवार को ट्विटर पर कहा कि उनका देश स्वीडन में अपने नए राजदूत होज्जतुल्ला फगानी को नहीं भेजेगा.
उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'स्वीडन की सरकार ने पवित्र कुरान के अपमान की अनुमति दी जिसके बाद राजदूत को भेजने की प्रक्रिया को रोक दिया गया है.'
कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका का जन्म इराक में हुआ था और पांच साल पहले ही वो अपने देश से भागकर स्वीडन आ गया था. अब इराक का कहना है कि मोमिका के पास अब भी इराकी नागरिकता है और उसे इराक को सौंप दिया जाए. रविवार को ही स्वीडन की सरकार ने हालांकि, मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की निंदा की.
सरकार ने कहा, 'स्वीडन में एक व्यक्ति द्वारा किया गया विरोध मुस्लिमों के लिए आक्रामक हो सकता है.' ओआईसी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम इन कृत्यों की निंदा करते हैं. ऐसे कृत्य किसी भी तरह से स्वीडन सरकार के विचारों से मेल नहीं खाते.'
पुलिस ने कई बार प्रदर्शन को अनुमति देने से किया था इनकार
स्वीडन की पुलिस ने गंभीर प्रतिक्रिया से बचने के लिए पहले मोमिका को मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की अनुमति नहीं दी थी. मोमिका ने कई बार पुलिस को प्रदर्शन के लिए आवेदन दिया था जिसे अस्वीकार कर दिया गया था.
इसके बाद मोमिका ने कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए मोमिका को प्रदर्शन की अनुमित दे दी थी. बाद में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मोमिका ने मस्जिद के बहुत करीब अपराध किया है इसलिए एक धर्म के खिलाफ आंदोलन को लेकर उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.
Tagsदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday
Admin2
Next Story