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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 10 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। इस बीच कई रिपोर्ट्स में दावा किया है कि रूसी सेना ने यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों में आम नागरिकों के साथ क्रूरता दिखाई। इनमें बूचा से लेकर मारियूपोल तक भीषण रॉकेट हमले और इनमें मारे गए यूक्रेनी नागरिकों की सामूहिक कब्रों के मिलने की बातें सामने आई हैं। इस बीच अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने अफसरों को आदेश दिया है कि वे यूक्रेन के खिलाफ किए गए हमलों की डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की सीरीज को देश के सिनेमा में प्रदर्शित करना शुरू करें।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पुतिन ने आदेश दिया है कि यूक्रेन में रूस ने जिस तरह से जंग छेड़ी है, उसे सिनेमा हॉल में आम नागरिकों को दिखाया जाए, ताकि लोगों को रूसी शासन की 'नव-नाजी' (Neo Nazi) विचारधारा के खिलाफ लड़ाई के बारे में पता चल सके। क्रेमलिन ने एक बयान जारी कर कहा है कि रूस के संस्कृति मंत्रालय को एक फरवरी तक इस आदेश को लागू करना होगा।
गौरतलब है कि पुतिन ने पिछले साल ही यूक्रेन में सैन्य टुकड़ियों को भेजने का फैसला किया था। रूसी राष्ट्रपति ने तब राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि यूक्रेन का असैन्यीकरण जरूरी है। अब एक साल बाद यूक्रेन में रूस की सीमित उपलब्धियों के बीच पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह उन रूसी फिल्म निर्माताओं की मदद करें, जो यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमलों पर डॉक्यूमेंट्री बनाने को तैयार हों। आदेश में कहा गया है कि फिल्म निर्माताओं को यूक्रेन में रूस के सफल सैन्य अभियानों और उन्हें अंजाम देने वाले सैनिकों की बहादुरी को प्रदर्शित करना होगा। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को यह काम पूरा करने के लिए एक मार्च तक का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़े जाने के बाद से ही अधिकतर रूसी चैनलों और मीडिया संस्थानों ने पुतिन के सैन्य अभियान के समर्थन में प्रसारण शुरू किए हैं। वहीं, स्वतंत्र मीडिया चैनलों को या तो बंद कर दिया गया है या उनकी फंडिंग रोक दी गई है। इस बीच कई पत्रकारों ने भी रूस छोड़ दिया है।
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