रूस ने यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) पर हमले की पूरी तैयारी कर ली है और वो किसी भी पल धावा बोल सकता है. अमेरिका (America) का कहना है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर ब्लड सप्लाई (Blood Supply) भी शुरू कर दी है, जिसका मतलब है कि वो युद्ध करने का मन बना चुका है. मॉस्को ने ये कदम इसलिए उठाया है ताकि जंग में घायल हुए अपने सैनिकों को जरूरत होने पर तुरंत खून मुहैया कराया जा सके. यूएस का कहना है कि रूस ने सीमा पर सैनिकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मेडिकल इक्विपमेंट की व्यवस्था भी की है, जो उसके मंसूबों को जाहिर करता है.
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, दो वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों (Russian Army) के जमावड़े के साथ ही वहां बड़ी संख्या में मेडिकल उपकरण भी मौजूद हैं. अब रूस ने वहां तक ब्लड सप्लाई भी शुरू कर दी है, जिससे पता चलता है कि वो हमला करने का मन बना चुका है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सबसे पहले यूक्रेनी सीमा पर रूस द्वारा की जा रही ब्लड सप्लाई की जानकारी दी थी, जो संघर्ष की स्थिति में घायल सैनिकों की जान बचाने के लिए जरूरी होगा.
पिछले महीने CNN ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि रूस सीमा पर मेडिकल साजोसामान भी पहुंचा रहा है. अब ब्लड सप्लाई की खबर ने रूस सहित तमाम पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं, यूक्रेन ने रूस द्वारा फ्रंट लाइन पर ब्लड सप्लाई पहुंचाने की खबरों का खंडन किया है. यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियर ने शनिवार को कहा कि ये खबरें पूरी तरह गलत है. इस तरह की खबरों का मकसद हमारे समाज में दहशत और भय फैलाना है. हालांकि, व्हाइट हाउस का कहना है कि यूक्रेन इस तरह से खतरे को कम दर्शाने की कोशिश कर रहा है और ऐसे वो संभावित रूसी हमले के लिए तैयार नहीं हो सकता.
अब US और Ukraine में भी ठनी
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, 'हम समझते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदयमयर जेलेंस्की आक्रमण के जोखिम को कम करके दर्शा रहे हैं. हमें लगता है कि उन्हें खतरे के बारे में खुला और स्पष्ट होना महत्वपूर्ण है. तभी स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है'. बता दें कि यूक्रेन के इस रुख के चलते अमेरिका नाराज है. दोनों देशों में इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है कि रूस के खतरे को किस तरह सबके सामने रखा जाए.