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रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर 7 हजार और सैनिक तैनात किए- अमेरिका

jantaserishta.com
17 Feb 2022 2:41 AM GMT
रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर 7 हजार और सैनिक तैनात किए- अमेरिका
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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine Tension) के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. आक्रमण को लेकर बनी आशंकाओं के बीच यूक्रेन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने बुधवार को अपना झंडा लहराते देश की एकता का प्रदर्शन करते हुए मास्को (Mosow) के दबाव को कम करने की कोशिश की, जबकि अमेरिका की ओर से चेताया गया कि रूस ने भले ही यूक्रेन के बॉर्डर (Ukraine Borders) से सैनिकों (Forces) को वापस बुलाया जाने की बात कही हो लेकिन दावा किया गया है कि मास्को ने बॉर्डर्स के पास 7,000 अतिरिक्त सैनिकों को जोड़ा है.

अभी तक के जो हालात हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि रूस की ओर से यूक्रेन पर किसी तरह का हमला नहीं किया गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों का मानना है कि यूरोप की सुरक्षा और संतुलन में आर्थिक स्थिरता के साथ खतरा अभी भी बरकरार है.
पश्चिम के अनुमानों के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में 150,000 से अधिक सैनिकों को तैनात कर रखा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वह संकट से शांतिपूर्ण रास्ता चाहते हैं, और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी वादा किया कि अमेरिका कूटनीति को "हर मौका" देना जारी रखेगा, लेकिन उन्होंने मास्को के इरादों के बारे में एक संदेह भी जताया. बाइडेन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वाशिंगटन और उसके सहयोगी यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करते हुए "बुनियादी सिद्धांतों का त्याग" नहीं करेंगे.
रूसी रक्षा मंत्रालय के वीडियो में क्रीमिया से दूर एक पुल के पार बख्तरबंद गाड़ियों से लदे ट्रेन को वापस जाते दिखाया गया है, काला सागर प्रायद्वीप जिसे रूस ने 2014 में यूक्रेन से जोड़ा था. इसने यह भी घोषणा की कि ट्रेनों में अधिक टैंक यूनिट्स को लोड किया गया ताकि वे अभ्यास प्रशिक्षण के बाद अपने स्थायी ठिकानों पर वापस जा सकें.
सैनिकों की तैनाकी के आधिकारिक सबूत नहीं
साथ ही, रूस यूक्रेन के बॉर्डर्स के पास सैनिकों की भारी तैनाती कर रखी है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा करते हुए कहा कि पश्चिम ने पाया कि रूस ने यूक्रेन के पास तैनात अपनी सेना में 7,000 सैनिकों की वृद्धि की है, जिसमें कुछ हाल ही में बुधवार तक पहुंचे हैं, इससे रूस की ओर से किए गए झूठे दावों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है कि क्रेमलिन आक्रमण के लिए बहाना तलाश रहा है.
अधिकारी को संवेदनशील कार्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था और नाम न छापने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस से बात की थी. अधिकारी ने अपने दावे के लिए कोई अंतर्निहित सबूत नहीं दिए.
सुरक्षा बढ़ाने को नए तरीके तलाश रहा NATO
दूसरी ओर, यूक्रेन की सीमा पर रूस की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में बुधवार को नाटो के सदस्य देशों ने पूर्वी यूरोप में स्थित अपने सदस्यों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए नए तरीके तलाशे. ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में दो दिनों तक चली रक्षा मंत्रियों की बैठक में चर्चा हुई कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला कर देता है तो ऐसी स्थिति में रूस के नजदीक और काला सागर के क्षेत्र में सैनिकों तथा उपकरणों/सजो-सामान को तत्काल कैसे भेजा और पहुंचाया जाए.
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों की इस बैठक में इस साल के अंत से संभवत: दक्षिण-पूर्वी यूरोप में सैनिकों की लंबे समय के लिए तैनाती करने की स्थिति पैदा होने पर क्या योजना होगी और उसे कैसे लागू किया जाएगा, इसपर भी चर्चा हुई.
इस बीच अमेरिका ने अपने पांच हजार सैनिकों की पोलैंड और रोमानिया में तैनाती शुरू कर दी है. ब्रिटेन भी सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को पोलैंड भेज रहा है एवं अतिरिक्त युद्धपोत और विमानों की पेशकश कर रहा हैं. जर्मनी, नीरदलैंड और नार्वे अतिरिक्त सैनिक लिथुआनिया भेज रहे हैं. हवाई सुरक्षा के लिए डेनमार्क और स्पेन लड़ाकू विमान मुहैया करा रहे हैं.
भारत को भरोसे में ले रहा यूरोपीय संघ
इन सबके इतर यूरोपीय संघ (ईयू) यूक्रेन की स्थिति को लेकर आकलन और रूस द्वारा उस पर हमला करने की स्थिति में समूह की संभावित कार्रवाई को लेकर भारत को भरोसे में ले रहा है. ईयू के अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत 'मित्र और साझेदार' है और 27 देशों का समूह (ईयू) यूक्रेन संकट को लेकर नई दिल्ली के नियमित संपर्क में है. उन्होंने बताया कि समूह कूटनीति और बातचीत के जरिये इस संकट को टालेने का रास्ता निकालने के लिए 'पुरजोर' तरीके से प्रयास कर रहा है.
यूरोप की यात्रा पर जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और हिंद-प्रशांत मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस हफ्ते यूरोप की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है. जयशंकर की यूरोप में होने वाली बैठकों में यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है. अधिकारी ने पत्रकारों के समूह से कहा कि ईयू, यूक्रेन के साथ खड़ा है और अगर रूस, कीव के खिलाफ आक्रमकता दिखाता है तो उसके 'वृहद नतीजे' होंगे.


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