विश्व

रोवर ने खींची टीले की तस्वीर, अरबों साल पहले मौसम में हुए बदलाव की निशानी

Neha Dani
27 Jun 2022 8:04 AM GMT
रोवर ने खींची टीले की तस्वीर, अरबों साल पहले मौसम में हुए बदलाव की निशानी
x
दो दिन बाद रोवर सेफ मोड से बाहर आ गया था। नासा अभी भी इसका कारण खोज रहा है।

वाशिंगटन: मंगल पर NASA के क्यूरियोसिटी रोवर से मिलने वाली तस्वीरें हर रोज लाल ग्रह की नई-नई चीजें दिखाती हैं। अब रोवर की नई तस्वीर ने प्राचीन समय में मंगल ग्रह की जलवायु सूखने के संकेत दिए हैं। NASA का क्यूरियोसिटी रोवर मिट्टी से समृद्ध क्षेत्र में नमकीन खनिज यानी सल्फेट से भरे एक ट्रांजिशन जोन की यात्रा कर रहा है। रोवर की भेजी तस्वीर में टीले देखने को मिल रहे हैं, जिससे वैज्ञानिक मानते हैं कि धारा यहां सूख गई होगी और मिट्टी के टीलों का निर्माण हुआ होगा।

वैज्ञानिक मानते हैं कि ये अरबों साल पहले मंगल की जलवायु में हुए एक बड़े बदलाव को दिखाते हैं। रोवर लगातार ऊंचाई पर चढ़ रहा है। ऊंचाई से उसे ये टीले दिखे हैं। नासा की JPL में क्यूरियोसिटी के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट अश्विन वसवदा का कहना है, 'वर्षों से दिखने वाले झील के जमाव अब हमें नहीं दिख रहे हैं। बल्कि हमें शुष्क जलवायु के भी बहुत सारे सबूत दिखे हैं जैसे सूखे टीले जिनके चारों ओर कभी-कभी धारएं बहती रही होंगी। ये लाखों साल पहने बनी झीलों के लिए एक बड़ा बदलाव रहा होगा।'
रोवर जैसे-जैसे ऊपर चढ़ रहा है उसे कम मिट्टी और ज्यादा सल्फेट का पता लग रहा है। इन चट्टानों की बदलती खनिज संरचना वैज्ञानिक को हैरान कर रहे हैं। इन्हें अच्छे से समझने के लिए रोवर जल्द ही यहां चट्टान नमूना खोदेगा। ये रोवर का आखिरी नमूना होगा। रोवर ने यहां उन चट्टानों को भी देखा है जो कई लेयर में हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये पत्थर प्राचीन जलधारा या छोटे तालाब के कारण बने होंगे।
क्यूरियोसिटी रोवर पांच अगस्त को मंगल ग्रह पर अपना 10वां जन्मदिन मनाएगा। एक दशक से ये रोवर लाल ग्रह पर है। नासा का ये रोवर अब धीरे-धीरे रिटायरमेंट की ओर बढ़ रहा है और इसके संकेत भी दिखने लगे हैं। इसके एलुमिनियम के पहियों में छेद देखने को मिले। 2 जून को खींची एक तस्वीर में उसके एक पहिए में छेद दिखा था। हालांकि JPL ने कहा कि इससे कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर उसके पहिए पूरी तरह बर्बाद हो जाएं तो भी वह अपने रिम पर चल सकता है। इससे पहले 7 जून को रोवर सेफ मोड में चला गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका एक हिस्सा बहुत ज्यादा गर्म हो गया था। दो दिन बाद रोवर सेफ मोड से बाहर आ गया था। नासा अभी भी इसका कारण खोज रहा है।

Next Story