संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को एक बार फिर यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया गया। इसके साथ ही हमले की वजह यूक्रेन में हुए नुकसान का रूस से मुआवजा मांगने की बात भी उठाई गई। इसके बाद मसौदा प्रस्ताव लाकर उस पर वोटिंग कराई गई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में सोमवार को एक बार फिर यूक्रेन पर हमलों का रूस को जवाबदेह ठहराने और इससे हुए नुकसान की भरपाई के एक तंत्र बनाने व मुआवजा देने को लेकर मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई। कुल 94 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि 14 ने इसके विरोध में मतदान किया। भारत सहित 73 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र में यूरोपीय संघ के मिशन ने एक ट्वीट कर कहा कि आज यूएन महासभा ने मान्यता दी है कि रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। 94 से 14 वोटों से इसे अपनाया गया। यूएनजीए का यह संकल्प नुकसान का दस्तावेजीकरण करने तंत्र स्थापित करनेऔर नुकसान के लिए उचित मुआवजे की सिफारिश करता है।
पश्चिमी देशों की ओर से प्रस्तुत किए गए मसौदे में यूक्रेन में किए गए कार्यों के लिए रूस की निंदा करने का आह्वान किया गया था। प्रस्ताव लाने में सहभागी रहे चेक गणराज्य ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण हुए उल्लंघनों और क्षति के लिए रूस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में चेक गणराज्य के मिशन ने ट्वीट कर कहा कि आज यूएन के सदस्य देशों ने मतदान किया कि रूस को यूक्रेन में युद्ध के दौरान हुए उल्लंघनों और क्षति के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। चेक गणराज्य महासभा में के इस प्रस्ताव को लाने में सहभागी रहा, जिसमें क्षति और उसकी पूर्ति के लिए तंत्र की स्थापना की सिफारिश की गई थी।
बता दें कि इस साल फरवरी के अंत में यूक्रेन में शुरू हुए रूसी अभियान में अब तक हजारों सैन्य कर्मी मारे जा चुके हैं। यूक्रेन में जारी युद्ध ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को भी प्रभावित किया है और कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है।