नई दिल्ली। यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। रूस यूक्रेन जंग में बेलारूस के आने से युद्ध के समीकरण एक खतरनाक संकेत दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Putin) बेलारूस की जमीन का उपयोग परमाणु हमले के लिए कर सकते हैं। इसके पीछे उनकी सोची समझी रणनीति है। विशेषज्ञों की राय है कि यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील हो सकता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि बेलारूस को इस जंग में शामिल करने के पीछे पुतिन की बड़ी रणनीति क्या है। क्या परमाणु हमले की स्थिति में नाटो संगठन (NATO) जंग के लिए तैयार होंगे। ऐसी स्थिति में अमेरिका की क्या रणनीति होगी।
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूसी सेना के लिए अपनी धरती के इस्तेमाल की इजाजत दी है। प्रो पंत ने कहा कि अलेक्जेंडर का संकेत साफ है कि बेलारूस की सेना यूक्रेन जंग में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होगी। हालांकि, रूसी सेना इस युद्ध में बेलारूस की धरती का इस्तेमाल कर सकती है।
बेलारूस के राष्ट्रपति ने रूसी सेना को यह मदद ऐसे समय देने का ऐलान किया है,जब रूसी सेना यूक्रेन के प्रति ज्यादा आक्रामक हो गई है। प्रो पंत ने कहा कि इसके बाद रूसी सेना बेलारूस के जमीन से ड्रोन, फाइटर जेट लांच करने की इजाजत दी है। यह खतरनाक संकेत हैं।
यूक्रेन युद्ध में रूसी मामलों के जानकार डा यूरी फेल्शिंस्की ने भी इसी तरह की चेतावनी दी है। प्रो पंत का कहना है कि फेल्शिंस्की की इस चेतावनी को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है। फेल्शिंस्की ने चेतावनी जारी किया है कि पुतिन बेलारूस की धरती का इस्तेमाल मिसाइल लांच और परमाणु हमले के लिए कर सकते हैं। अगर पुतिन ने ऐसा किया तो कीव कुछ मिनटों में समाप्त हो जाएगा। प्रो पंत ने कहा कि पुतिन के जो इरादे दिख रहे हैं, वह निश्चित रूप से खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद अगस्त में अलेंक्जेंडर का यह बयान आया था कि उनका देश जेट को परमाणु हथियार ले जाने के लिए मोडीफाई कर रहा है। उनके इस बयान के बड़े मायने हैं। इस कड़ी को इससे जोड़कर देखा जाना चाहिए।