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इस पर उन्होंने कहा कि कुछ नहीं होगा। मां को अब डर है कि रूसी लोग उन्हें सताएंगे।
मॉस्को: रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्र में जनमत संग्रह का मंगलवार को आखिरी दिन है। इस जनमत संग्रह से ये तय होना है कि क्या कब्जे वाले क्षेत्र रूस का हिस्सा बनना चाहते है या नहीं। जनमतसंग्रह कराने को यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों ने एक दिखावा बताया है। ये मतदान लुहांस्क, आंशिक रूप से रूस के कब्जे में आए जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में हो रहा है। लगभग 40 लाख लोगों को मतदान में भाग लेने को कहा गया है। लोगों से वोट लेने के लिए चुनाव अधिकारी सशस्त्र बलों के साथ घर-घर पहुंचे।
ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को रूस की संसद के संयुक्त सत्र में जनमत संग्रह के मतों की घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह अपने भाषण के दौरान इन क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा करेंगे। रूस अगर इन क्षेत्रों को अपने में मिला लेगा तो मान कर चलिए कि यूक्रेन के लगभग 15 फीसदी हिस्से पर पुतिन का कब्जा होगा। माना जा रहा है कि रूस का ये कदम युद्ध को एक नए और अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंचा सकता है।
बंदूकों के साथ वोट मांगने पहुंचे अधिकारी
मार्च 2014 में इसी तरह रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था। चुनाव के अधिकारी जब लोगों के घरों पर सैनिकों के साथ वोटिंग कराने पहुंचे तो लोगों को समझ नहीं आया कि ये बंदूके उनके वोटों की सुरक्षा के लिए हैं या उन्हें डराने के लिए। लुहान्सक के निर्वासित गवर्नर सेरही हैदाई ने आरोप लगाया कि उन लोगों को टार्गेट किया जा रहा है, जिन्होंने रूस के खिलाफ वोट दिया। उन्होंने कहा कि ये एक सीक्रेट बैलट है, इसकी क्या विश्वसनीयता।
डरे हुए हैं लोग
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला ने बताया कि जापोरिज्जिया में उसके घर पर रूसी सैनिक के साथ वोटिंग के लिए अधिकारी पहुंचे। उन्होंने एक पर्चा पकड़ाते हुए उसके माता-पिता को हस्ताक्षर करने को कहा। उसकी मां ने पूछा अगर मैं रूस में शॉमिल होने का ऑप्शन न चुनूं और न के विकल्प को भर दूं तो क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा कि कुछ नहीं होगा। मां को अब डर है कि रूसी लोग उन्हें सताएंगे।
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