x
श्रीलंका में आर्थिक हालात खराब होने से लगातार सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं
कोलंबो : श्रीलंका में आर्थिक हालात खराब होने से लगातार सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालातों से परेशान प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa) के आवास को चारों तरफ से घेर लिया था. जिसके बाद उन्हें अपना घर छोड़कर भागना पड़ा.
इससे पहले कहा गया था कि श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया है. यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था.
पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था. पुलिस महानिरीक्षक (IGP) सी डी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बार एसोसिएशन ने किया कर्फ्यू का विरोध : श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने पुलिस कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया. बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने पुलिस कर्फ्यू को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है.
Rani Sahu
Next Story