जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ब्रिटेन के प्रिंस हैरी के दावों पर बुधवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (एमजीएन) का प्रतिनिधित्व करने वाले बैरिस्टर को कोर्ट में कड़ी जिरह का सामना करना पड़ा। इस समूह पर आरोप है कि इसने फोन हैकिंग सहित गैरकानूनी तरीकों से उनके जीवन से जुड़ी कहानियां हासिल कीं। वहीं, दूसरे दिन गवाह के रूप में पेश हुए 'ड्यूक ऑफ ससेक्स' से इस बारे में विस्तार से पूछताछ की गई कि उन्हें क्यों लगता है कि उनकी जानकारी गैरकानूनी तरीके से हासिल की गई थी।
हैरी ने कोर्ट को बताया कि उनकी पूर्व प्रेमिका चेल्सी डेवी के साथ उनके संबंधों और अफगानिस्तान में उनके सैन्य करियर का जिक्र करने वाले लेख शामिल थे। उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह इस बात से पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि फोन हैकिंग बड़े पैमाने पर की गई थी। उन्होंने कहा, अगर इसे स्वीकार नहीं किया गया तो मेरे साथ अन्याय होगा।
वहीं एमजीएन की ओर से पेश बैरिस्टर एंड्रयू ग्रीन ने हैरी के उन दावों को चुनौती दी कि उस समय उनकी पूर्व प्रेमिका का फोन हैक किया जा रहा था। ग्रीन ने डेली मिरर, संडे मिरर और संडे पीपल के विभिन्न लेखों के शीर्षकों के जरिए हैरी के दावों को खारिज किया और कहा कि कुछ कहानियां सार्वजनिक हित का मुद्दा होने के कारण प्रकाशित की गईं।
इस पर हैरी ने कहा कि उन्हें लगी चोटों के बारे में कहानियां तभी सार्वजनिक हित की हो सकती हैं, जब वह उनके जीवन के लिए खतरा हो। इससे पहले मंगलवार को हैरी ने मंगलवार को समाचार पत्र समूह पर गैरकानूनी तरीके से सूचना एकत्र करने के आरोप लगाए। इसके साथ ही शाही परिवार के 130 से ज्यादा वर्षों में हाईकोर्ट में सबूत देने वाले वह पहले शख्स बने है। उन्होने समाचार पत्र पर उनके खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाचार पत्रों ने उन्हें ड्रग लेने वाले व्यक्ति के रूप में पेश किया।