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कोलंबो। श्रीलंका के प्रधान मंत्री दिनेश गुणवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश में शेष सभी तमिल टाइगर बंदियों को रिहा कर दिया जाएगा और आतंकवाद रोकथाम अधिनियम (पीटीए) को निरस्त कर दिया जाएगा। द आइलैंड अखबार ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद में दिये गये एक वक्तव्य के हवाले से बताया कि श्रीलंका, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से किए गए सभी वादों को पूरा करेगा।
लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के कैदियों और पीटीए का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यूएनएचआरसी ने ये दो मुख्य मांगें की हैं। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे लिट्टे से संबंधित कैदियों को रिहा करने में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, जो एक अलगाववादी समूह है, जिसने 2009 में सैन्य रूप से कुचले जाने से पहले एक चौथाई सदी तक भीषण लड़ाई लड़ी थी। गुणवर्धन ने कहा कि लिट्टे के ये बंदी लंबे समय से जेलों में बंद हैं। उन्होंने कहा, "पीटीए को निरस्त करने के लिए मसौदा विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।"
सोर्स - अमृत विचार
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