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वाना (पाकिस्तान), (आईएएनएस)| दक्षिण वजीरिस्तान के वाना में हजारों लोग आतंकवाद के खिलाफ शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए और तत्काल शांति बहाल करने की मांग की। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विरोध ऐसे समय में आया है जब देश में आतंकवाद फिर से सिर उठा रहा है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने देश भर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी है, माना जा रहा है कि अफगानिस्तान आधारित प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नेताओं द्वारा इसकी योजना और निर्देशन किया जा रहा है। टीटीपी, जिसका अफगान तालिबान के साथ वैचारिक संबंध है, ने पिछले साल 100 से अधिक हमलों को अंजाम दिया, जिनमें से अधिकांश अगस्त के बाद हुए जब टीटीपी की पाकिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता लड़खड़ाने लगी।
कल, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दक्षिण वजीरिस्तान में छापेमारी के बाद प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के एक प्रमुख कमांडर सहित 11 आतंकवादियों को मार गिराया। पिछले दिनों अलग-अलग, लक्की मरवत और डेरा इस्माइल खान में पुलिस को निशाना बनाकर किए गए दो अलग-अलग हमलों में पांच अधिकारी घायल हो गए थे।
जैसा कि आतंकवाद ने अपना सिर उठाया है, खैबर पख्तूनख्वा के निवासी सड़कों पर उतर आए हैं, और सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। बाजौर जिले में गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग शांति के लिए सड़कों पर निकले। वाना में शुक्रवार को आयोजित शांति मार्च में राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, व्यापारियों और युवाओं समेत सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हुए।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिभागियों ने सफेद झंडे और तख्तियां लिए हुए क्षेत्र में शांति की मांग करते हुए, विशेष रूप से आदिवासी जिलों में आतंकवाद की ताजा लहर के खिलाफ नारे लगाए। पीपीपी, पीटीएम, पीएमएल-एन और एडब्ल्यूपी के नेताओं ने रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थापित करें, इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
वक्ताओं ने कहा कि वाना में सुरक्षा कर्मियों पर हमलों में वृद्धि हुई है, जबकि आम नागरिकों को जबरन वसूली के लिए अगवा किया जा रहा है। उन्होंने शिकायत की कि सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है और चेतावनी दी कि जब तक क्षेत्र से 'अच्छे और बुरे तालिबान' दोनों को खत्म करने के लिए पुलिस बल का गठन नहीं किया जाता है, तब तक क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
--आईएएनएस
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