अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भले ही पिछले दिनों पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देशों में से एक बताया था लेकिन सच यह है कि वह इस्लामाबाद को एफ-16 के अपग्रेड के लिए दी गई सैन्य मदद को लेकर अपने देश में घिरते जा रहे हैं. इसका एक सबूत सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिला जब व्हाइट हाउस की अधिकारी इससे जुड़े एक सवाल पर असहज नजर आईं.
दरअसल व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जीन पियरे सोमवार को मीडिया के सवालों का जवाब दे रही थी. इस दौरान उनसे सवाल किया गया था कि बाइडेन की टिप्पणी के बाद भी अमेरिका एफ-16 के लिए इस्लामाबाद की मदद क्यों कर रहा है?
इस पर पियरे ने कहा, 'अमेरिका, राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से पाकिस्तान पर की गई टिप्पणी पर अब कोई नया बयान नहीं देगा. राष्ट्रपति पहले ही इस पर बोल चुके हैं और मैं कोई नई बात नहीं कहूंगी. मैंने शुक्रवार को पहले ही इस पर जवाब दिया था. दो दिन पहले जो कहा है, उसमें कुछ भी नई बात कहने के लिए नहीं है.'
बता दें पियरे ने कहा था, 'राष्ट्रपति के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान देश के हित में है। ऐसे में उन्होंने वही कहा है जो वह हमेशा से कहते आए हैं।'
क्या कहा था बाइडेन ने?
हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस अभियान समिति के समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. उसके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन बिना किसी सुरक्षा के हैं.' अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्तारूढ दल के कार्यक्रम में यह बात विश्व की बदलती भू राजनैतिक स्थिति के संदर्भ में कही थी.
पाकिस्तान ने बाइडेन के इस बयान को लेकर अमेरिकी राजदूत डेविड ब्लोम को समन किया. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस बयान को खारिज कर दिया था और इसे 'तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक' बताया था.