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आज ही के दिन मक्का में मची थी भगदड़ और हुआ था भीषण हादसा, पुल से गिरे 7 लोगों के चलते हुई थीं 1426 मौत
Renuka Sahu
3 July 2022 1:56 AM GMT
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फाइल फोटो
हज यात्रा पर जाने वाले लोग शायद ही आज के दिन को कभी भुला सकें.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हज यात्रा पर जाने वाले लोग शायद ही आज के दिन को कभी भुला सकें. यहां 3 जुलाई के दिन साल 1990 में एक घातक हादसा (Mecca Tunnel Tragedy 1990) हुआ था. जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. दरअसल सऊदी अरब (Saudi Arabia) में स्थित मक्का की अल-मआजिम सुरंग में अचानक से भगदड़ मच गई थी. जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 1426 हज यात्री मारे गए थे. ये वही सुरंग है, जो मक्का को मिना से जोड़ने का काम करती है. सुरंग की बात करें, तो यह 550 मीटर लंबी (1800 फीट) और 10 मीटर तक चौड़ी (35 फीट) है.
ये सुरंग मक्का के आसपास की पवित्र जगहों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण करने के लिए शुरू किए गए 15 बिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट का ही हिस्सा थी. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत सऊदी अरब की सरकार ने हादसे से दो साल पहले की थी. जब तीर्थयात्री सुबह 10:00 बजे शैतान को पत्थर मारने की रस्म करने के लिए यात्रा कर रहे थे, उसी दौरान सुरंग में भगदड़ मच गई. हुआ ये कि पैदल यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले एक पुल की रेलिंग मुड़ गई थी, जिससे सात लोग पुल से नीच गिर गए. घटना इसलिए इतनी बड़ी थी क्योंकि ये लोग सुरंग से बाहर निकलने वाले लोगों के ऊपर गिर गए थे.
सऊदी अरब ने बताया हादसे का कारण
सुरंग में केवल 1000 लोगों की क्षमता थी, जबकि 3 जुलाई को इसमें 5000 लोग थे. वहीं बाहर तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. सुरंग का वेंटिलेशन सिस्टम भी तब तक फेल हो गया. इसकी वजह से भी कई लोगों की मौत हुई. प्रत्यदर्शियों में से कुछ ने बताया कि प्रदर्शनों के कारण हादसा हुआ है. जबकि कुछ ने कहा कि सुरंग तक आने वाली बिजली को काट दिया गया था. सऊदी अरब के अधिकारियों ने आखिर में बताया था कि पुल से जो लोग भीड़ के ऊपर गिरे थे, उन्हीं की वजह से भगदड़ मच गई और ये हादसा हो गया.
जिन लोगों की इस हादसे में मौत हुई उनमें से अधिकतर मलेशिया, इंडोनेशिया और पाकिस्तान मूल के थे. एक मलेशियाई अकाउंट के अनुसार, कुल मौत में से 80 फीसदी सुरंग के बाहर हुई हैं और 20 फीसदी उसके भीतर हुई हैं. हादसे के तुरंत बाद किंग फहाद ने कहा था कि घटना 'खुदा की मर्जी से हुई है, जो सबसे ऊपर है.' उन्होंने कहा कि ये लोग यहां नहीं मरे हैं, बल्कि कहीं और मरे हैं. जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 680 इंडोनेशिया से थे. इंडोनेशिया के अधिकारियों ने सऊदी अरब सरकार की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि खुदा की मर्जी बताकर सऊदी अरब सरकार सुरंग हादसे की जिम्मेदारी लेने से बच नहीं सकती है. इसके साथ ही ईरान ने भी इस घटना को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. तुर्की ने संक्षिप्त शिकायत की थी. हालांकि सऊदी अरब ने मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को खारिज कर दिया था.
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