क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध वैगनर ग्रुप के उपद्रव की प्रयास रूस के सोचे-समझे प्लान का हिस्सा थी? यूक्रेन और यूरोप के रक्षा हलकों में आजकल यह चर्चा तेजी से चल रही है। पुतिन की ओर से आम माफी दिए जाने के बाद वैगनर ग्रुप के लड़ाके इन दिनों बेलारूस में हैं और वहां की सेना को युद्ध का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अब इसी समूह के 100 सशस्त्र लड़ाके पोलैंड की सीमा के पास देखे गए हैं, जिसके बाद वहां की गवर्नमेंट में डर पसर गया है।
पोलैंड के करीब वैगनर लड़ाके
पोलैंड (Poland) के पीएम मैटिअस्ज़ मोराविएकी ने बोला कि वैगनर समूह (Wagner Group) के 100 से अधिक सैनिक पोलैंड की सीमा के पास नजर आए हैं। यह पोलैंड की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इसे देखते हुए राष्ट्र की सेना को अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही बेलारूस और वैगनर ग्रुप के लड़ाकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। उन्होंने रूस और बेलारूस पर यूरोपीय संघ के राष्ट्रों को अस्थिर करने का भी इल्जाम लगाया।
एक हजार एक्स्ट्रा सैनिकों की तैनाती
पोलिश (Poland) पीएम ने बोला कि हालात पहले से अधिक घातक होते जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पोलैंड पर हाइब्रिड अटैक करने के लिए पहला कदम उठा लिया गया है। सीमा पर बढ़ते खतरे को देखते हुए पोलैंड ने बॉर्डर की सुरक्षा के लिए हाल में 1 हजार एक्स्ट्रा सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही नए हथियार भी सरहद की ओर भेजे गए हैं। यही नहीं, नाटो के साथ मिलकर वैगनर ग्रुप (Wagner Group) की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।
रूस को क्यों खटक रहा है पोलैंड?
पोलैंड सोवियत संघ का हिस्सा रहा है। हालांकि साल 1992 में आजाद होने के बाद वह नाटो में शामिल हो गया। रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच फरवरी 2022 से प्रारम्भ हुए भयंकर युद्ध में पोलैंड, यूक्रेन का सबसे बड़ा सहयोगी बनकर सामने आया है। उसने न सिर्फ़ यूक्रेन से जान बचाकर भागने वाले हजारों लोगों को शरण दे रखी है बल्कि नाटो के जरिए मिले कई घातक हथियार यूक्रेन को सप्लाई किए हैं।
रूस आजमा सकता है ये विकल्प!
रक्षा जानकारों के अनुसार रूस और पोलैंड (Poland) की सीमा आपस में सीधे नहीं मिलती है। उनके बीच बेलारूस एक बफर स्टेट का काम करता है। दूसरी बात, पोलैंड नाटो का सदस्य है। ऐसे में यदि उसे सबक सिखाने के लिए रूस अपनी सेना बेलारूस होते हुए पोलैंड भेजता है तो इसे सीधे नाटो से युद्ध माना जाएगा, जिससे लड़ाई विकराल हो सकती है।
बिना सीधी जंग में उलझे सिखा सकता है सबक
ऐसे में सेफ तरीका ग्रे जोन वॉर का बचता है, जिसे आजकल हाइब्रिड वॉर भी बोला जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो वैगनर ग्रुप (Wagner Group) के लड़ाके यदि बेलारूस की सीमा पार करके पोलैंड (Poland) पर धावा करते हैं तो इसे रूस या बेलारूस का पोलैंड पर धावा नहीं माना जाएगा। ऐसे में नाटो से सीधी जंग में उलझे बगैर रूस, पोलैंड को सबक सिखा सकता है।
पोलैंड के पीएम ने लगाया ये आरोप
पोलैंड (Poland) के पीएम मैटिअस्ज़ मोराविएकी ने बोला कि वैगनर ग्रुप (Wagner Group) के लड़ाके सुवालकी गैप के करीब चले आए थे। यह क्षेत्र बेलारूस और रूस के कलिनिनग्राद के बीच में स्थित पोलैंड का एक क्षेत्र है। इससे साफ हो रहा है कि पोलैंड के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने रूस और बेलारूस पर उनके राष्ट्र को अस्थिर करने के लिए प्रवासियों का इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया।