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वाशिंगटन, (आईएएनएस)| पुलिस हिरासत में युवती की मौत के बाद ईरान में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन गुरुवार को लगातार 33वें दिन भी जारी रहा, जिसमें तेहरान, सानंदाज और देहगोलन में रात भर विरोध प्रदर्शन हुए, जहां नागरिकों ने 'खामेनेई मुर्दाबाद' के नारे लगाए, कई विश्वविद्यालयों में रैलियां कीं और छात्रों ने प्रदर्शन किया। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार अधिकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर इस्लामिक रिपब्लिक की हिंसक कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और ईरानी अधिकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी घातक कार्रवाई को समाप्त करने का आह्वान किया। 22 वर्षीय महसा अमिनी की गिरफ्तारी और मौत के बाद सितंबर के मध्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। अमिनी को ईरान की नैतिकता पुलिस ने हिजाब ठिक से न पहनने के आरोप में पकड़ लिया था।
वीओए ने बताया कि मानवाधिकार समूह ईरान ने कहा कि इस सप्ताह देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई से मरने वालों की संख्या कम से कम 215 तक पहुंच गई है, जिनमें से 27 बच्चे हैं।
ईरान की सरकार ने दावा किया है कि अमिनी को दिल का दौरा पड़ा और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया। उसके परिवार ने कहा कि उसे दिल से जुड़ी कोई परेशानी नहीं थी और उसके शरीर पर चोट के निशान थे। इस बीच, ईरान द्वारा हाल के हफ्तों में विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में 14 देशों के नागरिकों को हिरासत में लिया गया। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के करीब एक मीडिया आउटलेट ने बुधवार को सूचना दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और अफगानिस्तान के लोग शामिल हैं।
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