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आपसी सम्मान और साझी जीत विभिन्न देशों के बीच संबंध बनाए रखने का आधार

Rani Sahu
6 Jun 2023 1:12 PM GMT
आपसी सम्मान और साझी जीत विभिन्न देशों के बीच संबंध बनाए रखने का आधार
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बीजिंग (आईएएनएस)| हाल ही में अमेरिका ने एक बार फिर चीन के साथ अपने संबंधों में बहुत विरोधाभास दिखाया। एक ओर, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने 20वीं शांगरी-ला वार्ता में थाईवान मुद्दे और तथाकथित जहाजरानी स्वतंत्रता का उल्लेख करते हुए चीन पर हमला किया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना पोत को थाईवान जलडमरुमध्य को पार करते समय चीनी पक्ष द्वारा खतरनाक रूप से बाधित किया गया था। दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एशिया-प्रशांत मामलों के सहायक सचिव डेनियल जोसेफ क्रिटेनब्रिंक ने 4 जून को चीन के साथ संपर्क की तलाश के लिए चीन का दौरा किया। संवाद और सहयोग करते समय रोकथाम और टकराव करने की अमेरिका की इस चाल से लोग अपरिचित नहीं हैं। चीन के साथ संबंधों के संदर्भ में अमेरिका का विरोधाभासी व्यवहार वाशिंगटन के विकृत राजनीतिक ²ष्टिकोण को दर्शाता है। अमेरिका द्वारा गलत तरीके से चीन को अपने सबसे बड़े रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश करने की पृष्ठभूमि में तथाकथित चीन के साथ सख्त रुख अपनाना वाशिंगटन में राजनीतिक तरीका है। अमेरिका में कोई ऐसा नेता नहीं है जो चीन के साथ तनाव कम करने की जिम्मेदारी लेने का साहस करता है। वे चीन के संपर्क में होने का नाटक करते हुए चीन को अमेरिका के खेल के नियमों को स्वीकार करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस शांगरी-ला वार्ता में अमेरिका ने तथाकथित चीनी खतरे का प्रचार करना जारी रखा, जो दर्शाता है कि इसके आधिपत्य के नियम नहीं बदले हैं, और चीन-अमेरिकी संबंधों को राजनीतिक सौदेबाजी चिप के रूप में उपयोग करने का इसका अभ्यास नहीं बदला है।
अमेरिका में वर्तमान घरेलू आर्थिक स्थिति संकट से भरी है। दोनों पक्षों ने ऋण संकट को हल करने के लिए बातचीत की है, लेकिन उन्होंने समस्या को मौलिक रूप से हल नहीं किया है। ब्लूमबर्ग और अन्य मीडिया की रिपोटरें के मुताबिक, अमेरिकी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने हाल ही में चीन के समक्ष चिंताओं को उठाया और इस बात पर जोर दिया कि दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, चीन और अमेरिका को वैश्विक व्यापक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर घनिष्ठ संवाद करने और संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों का सामना करना अति महत्वपूर्ण है।
विश्लेषकों ने बताया कि चीन की यात्रा के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की मांगों में से एक अमेरिकी ऋण पर केंद्रित संकट प्रबंधन और नियंत्रण करना है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन, परमाणु प्रसार और रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसे मुद्दों पर भी अमेरिका को चीन के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है।
यह एक अनुचित तरीका है कि अमेरिका समस्या पैदा करने के लिए जिम्मेदार है और चीन वापस नहीं लड़ सकता है। क्या यह संभव है? क्या 1.4 अरब से अधिक चीनी नागरिक इससे सहमत हो सकते हैं?
लोग बहुत स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि चीन-अमेरिका संबंधों में मौजूदा दुर्दशा का मूल कारण चीन की रणनीति के बारे में अमेरिका की गलत धारणा है। जिसने गलती की है उसे सुधारने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। अमेरिका को चीन से उन क्षेत्रों में सहयोग की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए जहां अमेरिका को उसकी आवश्यकता है, जो चीन के हितों की अनदेखी या यहां तक कि उसे नुकसान पहुंचाते हैं। तथ्यों ने साबित किया है कि चीन के साथ व्यवहार करते समय अमेरिका को मनमानी करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अमेरिका को आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझी जीत के आधार पर चीन के साथ सहयोग करना चाहिए।
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