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निराशाओं के बावजूद, जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है।'
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की विधानसभा छोड़ने की 'धमकी' वास्तव में राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने का एक प्रयास है। यह नए सैन्य नेतृत्व को नए सिरे से जुड़ाव का निमंत्रण है, जो अगले सप्ताह से कार्यभार संभालने के लिए तैयार है। पाकिस्तानी मीडिया ने यह बात कही है। दरअसल, शनिवार रात इमरान खान ने रावलपिंडी में बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि उनकी पार्टी ने सभी विधानसभाओं से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इस घोषणा के बाद पाकिस्तानी अखबार डॉन से बात करने वाले कई कानूनी और राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि खान वास्तव में अपनी 'धमकी' को लेकर गंभीर नहीं है।
उन्होंने अनुमान लगाया कि पीटीआई नेता ने यह घोषणा इसलिए की है क्योंकि उन्होंने अपने समर्थकों से रावलपिंडी सभा में कुछ बड़ा करने का वादा किया था। ऐसे में उनके पास कोई विकल्प न होने के चलते उन्हें यह घोषणा करनी पड़ी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की रावलपिंडी की सार्वजनिक बैठक पीटीआई का चेहरा बचाने वाला 'फ्लॉप शो' था और यह 'एंटीक्लेमैटिक' था। उन्होंने कहा कि इमरान की ओर से सभी विधानसभाओं से इस्तीफा देने की घोषणा 'हताशा में इस्तीफे का नाटक' है।
'नाटक कर रहे हैं इमरान खान'
उन्होंने इमरान के भाषण के बाद एक ट्वीट के जरिए कहा, 'इमरान भीड़ खींचने में नाकाम रहे, नए प्रमुखों की नियुक्तियों को कमजोर करने में विफल रहे, इसलिए निराश होकर इस्तीफे का नाटक कर रहे हैं।' बिलावल ने कहा कि रावलपिंडी से इमरान की मांग आजादी नहीं बल्कि दोबारा चुने जाने की है। उन्होंने सवाल किया कि कब तक खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब को राजनीतिक सहारा के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। पीपीपी के महासचिव फरहतुल्लाह बाबर ने कहा कि इमरान ने विधानसभा छोड़ने का ऐलान कर कबूल किया है कि उनके सारे मंसूबे नाकाम हो गए हैं।
'पूरी तरह बेनकाब हो गए इमरान'
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने ट्वीट किया, 'नेशनल असेंबली पहले से ही पीटीआई एमएनए के बिना काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा को तभी भंग किया जा सकता है जब उनके मुख्यमंत्रियों को अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करना पड़े। हालांकि यह एक उचित चेहरा बचाने की रणनीति है।' बाबर ने कहा कि प्रोजेक्ट तालिबान और प्रोजेक्ट इमरान खान भले ही अभी पूरी तरह से ध्वस्त न हुए हों, लेकिन पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.. देश ने इसे उजागर करने के लिए बड़ी कीमत चुकाई है, लेकिन जो कीमत चुकाई गई है वह लाभ के लायक है। निराशाओं के बावजूद, जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है।'
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Neha Dani
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