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बीजिंग, (आईएएनएस)| च्याशीचांगछून ल्होबा जाती से हैं और उन्हें लगातार 13वीं और 14वीं एनपीसी के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया। तिब्बत के लायू गांव के एक जमीनी स्तर के प्रतिनिधि और एक छोटी आबादी वाली जाती के प्रतिनिधि के रूप में च्याशीचांगछून हमेशा सीमा को पुनर्जीवित करने और लोगों को समृद्ध करने के साथ-साथ ल्होबा संस्कृति की विरासत और संरक्षण की परियोजना के कार्यान्वयन पर ध्यान देते हैं।
उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निभाने के लिए, मैंने नीतियों का अध्ययन करने, जमीनी स्तर पर गहन शोध करने, जनता के वास्तविक विचारों को समझने और लोगों की आवाज को पेइचिंग तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की। पिछले 5 वर्षों में, उन्होंने 10 से अधिक राय और सुझाव पेश किए हैं। इनमें से अधिकतर राय और सुझावों को गंभीरता से लिया गया और संबंधित विभागों द्वारा अपनाया गया, उन्हें सीमा पर खुशहाल गांवों के विकास और निर्माण में अधिक से अधिक विश्वास है।
च्याशीचांगछून ने कहा कि मैं अपने गृहनगर में संतुष्टिदायक बदलाव, हमारी सीमाओं पर खुशहाल गांवों का निर्माण, और जमीनी स्तर की सच्ची इच्छाओं और जरूरतों को भी एनपीसी और सीपीपीसीसी के दो पूर्णाधिवेशनों के आयोजन स्थल पर लाना चाहता हूं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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