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लेकिन कनाडा में ऐसा नहीं है। कनाडा लोकतंत्रिक देश है जहां प्रेस सेंसरशिप देखने को नहीं मिलती।
जकार्ता : इंडोनेशिया के बाली शहर में मंगलवार और बुधवार को दुनिया के कुछ सबसे प्रमुख वैश्विक नेता मौजूद रहे। मौका था जी-20 शिखर सम्मेलन का जिसमें हिस्सा लेने के लिए सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि इंडोनेशिया पहुंचे थे। तमाम बयानों, तस्वीरों और बदलते समीकरणों के बीच एक वीडियो बुधवार को चर्चा में आ गया। इस वीडियो में सम्मेलन से इतर दो नेता एक-दूसरे से बात करते हुए नजर आ रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से जो बातचीत सामने आई है वह एक तानाशाही प्रवृत्ति वाले देश की शिकायत और एक खुले लोकतांत्रिक देश की प्रतिबद्धता को दिखाती है।
सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हो रहे वीडियो में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी मुद्दे पर 'बहस' करते नजर आ रहे हैं। हावभाव से जिनपिंग नाराज लग रहे थे लेकिन उनकी नाराजगी का ट्रूडो ने 'लोकतांत्रिक' जवाब दिया। दरअसल जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की बैठक हुई थी और दोनों ने कई मुद्दों पर चर्चा की थी। चीन में जहां यह वार्ता खबरों से गायब थी वहीं कनाडा में इसे सार्वजनिक करता हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया गया।
चीन में कड़ी मीडिया सेंसरशिप
जिनपिंग इस बात से नाराज थे। चीन के राष्ट्रपति का यह गुस्सा उनके हिसाब से स्वाभाविक था। चीन एक ऐसा देश है जहां मीडिया में आने वाली हर खबर पर सरकार की नजर रहती है। बिना सरकार की मर्जी के कुछ भी मीडिया के माध्यम से जनता या दुनिया के सामने नहीं आ सकता। इसलिए कनाडाई प्रधानमंत्री के साथ उनकी वार्ता के ब्यौरे को गुप्त रखा गया। लेकिन कनाडा में ऐसा नहीं है। कनाडा लोकतंत्रिक देश है जहां प्रेस सेंसरशिप देखने को नहीं मिलती।
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Neha Dani
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