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ईयू ने पेश की चिप बनाने पर अरबों खर्च करने की योजना

Subhi
9 Feb 2022 1:15 AM GMT
ईयू ने पेश की चिप बनाने पर अरबों खर्च करने की योजना
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यूरोपीय संघ ने 2030 कर अपनी चिप सप्लाई चार गुना करने की योजना बनाई है. पहले अमेरिका और अब ईयू इस मामले में एशिया पर अपनी निर्भरता कम करने की ओर बढ़ रहे हैं.

यूरोपीय संघ ने 2030 कर अपनी चिप सप्लाई चार गुना करने की योजना बनाई है. पहले अमेरिका और अब ईयू इस मामले में एशिया पर अपनी निर्भरता कम करने की ओर बढ़ रहे हैं.एक नए चिप एक्ट के साथ यूरोपीय संघ ने 42 अरब यूरो (करीब 48 अरब डॉलर) खर्च करने की योजना लॉन्च कर दी है. सार्वजनिक और निजी फंडों में अरबों का खर्च कर ब्लॉक माइक्रोचिप के निर्माण के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहता है. इससे पहले अमेरिका ने भी इसी इरादे से करीब 52 अरब डॉलर के निवेश की अपनी योजना के बारे में बताया था. अमेरिका में भी खुद सेमीकंडक्टरों का निर्माण कर एशियाई बाजारों से निर्भरता खत्म करने का लक्ष्य है.

ईयू को क्यों जरूरत पड़ गई? कुल 27-देशों के यूरोपीय संघ का लक्ष्य सेमीकंडक्टर सेक्टर में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना है. ऐसा करने की जरूरत इसलिए महसूस हुई क्योंकि संघ एक साल से भी लंबे समय से सप्लाई चेन की समस्या झेल रहा है. सेमीकंडक्टर के नाम से लोकप्रिय माइक्रोचिप ज्यादातर दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में बनते हैं. इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन बनाने से लेकर कारों तक में होता है. हाल के सालों में इन चिपों की सप्लाई पर लगाम लगने के कारण तमाम पश्चिमी देशों में इनकी कमी के कारण अनगिनत एसेंबली लाइनें ठप पड़ी गईं और ऑर्डर पूरा करने में लंबी देरी देखने को मिली. यूरोपीय परिषद की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लायन ने कहा है कि चिप एक्ट रिसर्च, डिजाइन, टेस्टिंग को जोड़ने और यूरोप और राष्ट्रीय स्तर पर निवेश में सामंजस्य बैठाने का काम करेगा.

ईयू की इस घोषणा के बाद यूरोपीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं के संघ ACEA ने एक बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी. ऐसे एक्ट की जरूरत को लेकर लॉबिंग करने वाले संघ ACEA ने ईयू से अपील की कि वह बाहर से होने वाली सप्लाई पर अपनी निर्भरता घटाएं ताकि भविष्य में कभी यूरोप के अहम उद्योग धंधों को ऐसा नुकसान ना उठाना पड़े. एशिया की ओर से प्रतिस्पर्धा फिलहाल चिप निर्माण के सबसे बड़े ठिकाने ताइवान, चीन और दक्षिण कोरिया में हैं. इस एक्ट के लिए 43 अरब यूरो जुटाने के लिए ईयू 3 अरब यूरो मौजूदा ईयू बजट से लेगा और 11 अरब यूरो का निवेश होगा. बाकी की रकम यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के उस फंड से आएगी जो अपने अपने स्तर पर सेमीकंडक्टर की सप्लाई के लिए तय की गई थी. इस अरबों यूरो की योजना को ईयू के सदस्य देशों के अलावा यूरोपीय संसद की आधिकारिक मंजूरी मिलनी बाकी है.


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