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जानिए कैसे बांग्लादेश बन गया पाकिस्तान से कई गुना बड़ी अर्थव्यवस्था

Gulabi
16 March 2021 1:51 PM GMT
जानिए कैसे बांग्लादेश बन गया पाकिस्तान से कई गुना बड़ी अर्थव्यवस्था
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सन् 1971 में पाकिस्‍तान से टूटकर बना देश बांग्‍लादेश कभी गरीबी, भ्रष्‍टाचार और आतंकवाद का गढ़ था

सन् 1971 में पाकिस्‍तान से टूटकर बना देश बांग्‍लादेश कभी गरीबी, भ्रष्‍टाचार और आतंकवाद का गढ़ था. इसके अलावा यहां पर तानाशाही और प्राकृतिक आपदाओं ने भी जमकर कहर बरपाया. लेकिन अब यह देश जिस तरह से अपनी तस्‍वीर बदलने में लगा है वह पाकिस्‍तान के लिए एक सबक है. आबादी और गरीबी से जूझता बांग्‍लादेश अब एशिया का 'अगला टाइगर' बनने की तरफ बढ़ रहा है.

कर्ज और प्रति व्‍यक्ति आय के मामले में इसने पाकिस्‍तान को जहां बहुत पीछे छोड़ दिया है तो अब यह देश जीडीपी के लिहाज से भी लगातार आगे बढ़ता जा रहा है. बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान से अपनी आजादी का 50वां जश्‍न मना रहा है. यह बात दिलचस्‍प है कि पूर्वी पाकिस्‍तान से टूटकर बने इस देश ने कैसे अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज से पाक को मीलों पीछे छोड़ दिया है.

क्‍या कहती है आईएमएफ की रिपोर्ट
अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्‍लादेश की अर्थव्‍यवस्‍था साल 2021 तक 322 बिलियन डॉलर (23.18 लाख करोड़) तक पहुंच जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं इस साल के अंत तक एक औसत बांग्‍लादेशी नागरिक, पाकिस्‍तानी नागरिक की तुलना में कई गुना अमीर होगा.

बांग्‍लादेश में सन् 1990 की शुरुआत में लोकतंत्र की बहाली हुई और यहां से देश ने विकास की जो राह पकड़ी, वह अभी तक जारी है. पूर्वी पाकिस्‍तान से टूटकर बना यह देश पाक से कहीं आगे हो गया. साल 2012 में बांग्‍लादेश की जीडीपी ग्रॉस सेविंग्‍स 39.9 पर थी तो पाकिस्‍तान साल 2012 में 20.4 पर और 2013 में 20.8 पर ही था.
वर्ल्‍ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 के बाद से अब तक बांग्‍लादेश में करीब 8 मिलियन यानी 80 लाख लोगों को गरीबी के दायरे से बाहर निकाला जा चुका है.
सिर्फ इतना ही नहीं एक दशक में प्रति व्‍यक्ति आय में तीन गुना तक इजाफा हुआ है. वर्ल्‍ड बैंक की मानें तो आने वाले 10 वर्षों के अंदर बांग्‍लादेश दुनिया के उन तमाम देशों के लिए नजीर बन सकता है जो गरीबी और आर्थिक‍ तंगी से जूझ रहे हैं.
जीडीपी में पाकिस्‍तान से कहीं आगे
साल 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में बांग्‍लादेश की जीडीपी 7.8 फीसदी थी यानी भारत की 8 फीसदी की जीडीपी से बस कुछ ही पीछे. वहीं पाकिस्‍तान की जीडीपी 5.8 फीसदी पर ही अटकी थी.

प्रति व्‍यक्ति कर्ज के मामले में बांग्‍लादेश 434 डॉलर पर था और पाकिस्‍तान 974 डॉलर पर था, यानी दोनों देशों में जमीन-आसमान का फासला. बांग्‍लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार भी पाकिस्‍तान की तुलना में चार गुना ज्‍यादा हो गया है.

साल 2017 में बांग्‍लादेश के पास 32 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था तो पाकिस्‍तान विदेशी मुद्रा भंडर के मामले में 8 बिलियन डॉलर पर ही था.

क्‍यों लगातार तरक्‍की पर है बांग्‍लादेश
विशेषज्ञों की मानें तो बांग्‍लादेश के पास इतनी तेजी से आगे बढ़ने के कई कारण हैं. यह देश अब कई सामाजिक मानकों पर कहीं आगे निकल चुका है. यहां पर कई स्‍तरों में होने वाले निवेश ने बांग्‍लादेशी वर्कर्स की प्रॉडेक्टिविटी में कई गुना इजाफा किया है.

कई एनजीओ इस तरह से काम कर रहे हैं कि बांग्‍लादेश के समाज में पाकिस्‍तान की तुलना में लगातार बदलाव आ रहा है. यहां पर एनजीओ बहुत कम हस्‍तक्षेप के लगातार काम कर रहे हैं और हेल्‍थकेयर, स्‍कूलों, बैंकों और डेयरी क्षेत्र में लगातार बेहतर परफॉर्मेंस दे रहे हैं. इसके अलावा फोन सर्विसेज और पब्लिक हेल्‍थ कैंपेंस ने भी यहां बदलाव लाने में कमाल का योगदान दिया है.

बन जाएगा सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था
बांग्‍लादेश सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था की रैंकिंग में 42वें नंबर पर था और अब यह 26वें नंबर पर आ गया है. साल 2017 में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्‍स (एचडीआई) के मुताबिक बांग्‍लादेश करीब 0.608 पर था जबकि साल 2018 में पाकिस्‍तान 0.560 पर था.

इसके अलावा पाकिस्‍तान में आय में असमामनता का स्‍तर 25.6 फीसदी पर था. वर्ल्‍ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्‍लादेश दुनिया का वह देश है जहां पर आय में असमानता सबसे निचले स्‍तर पर थी. साफ है कि पश्चिमी पाकिस्‍तान के इस 'कजिन' ने कहीं न कहीं अब प्रधानमंत्री इमरान खान को सोचने पर मजबूर कर दिया है.


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