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पेशावर | पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के खैबर जिले में आदिवासी मौलवियों के एक समूह ने एक बार फिर कानून अपने हाथ में लेते हुए नया फरमान जारी कर शादियों के दौरान ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (किन्नरों) द्वारा संगीत बजाने और नृत्य करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस फैसले की घोषणा शुक्रवार को 26 मौलवियों की एक सभा ने सर्वसम्मति से की गई। उन्होंने घोषणा की कि संगीत और नृत्य वाली किसी भी शादी में मौलवियों द्वारा निकाह समारोह नहीं किया जाएगा। मौलवियों द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित पत्र में कहा गया है, "अगर कोई इस आदेश को मानने से इनकार करता है या इसके खिलाफ जाता है, तो पूरे परिवार का अंतिम संस्कार मौलवियों द्वारा नहीं किया जाएगा।"
यह घोषणा एक जिरगा के दौरान की गई थी जिसमें न केवल मौलवियों ने बल्कि स्थानीय राजनीतिक हस्तियों और आदिवासी बुजुर्गों ने भी भाग लिया था। पत्र से पता चला कि स्थानीय निवासियों से ऐसे परिवारों का बहिष्कार करने का आग्रह किया जाएगा, और मौलवी उनकी शादियों में भी शामिल नहीं होंगे। समूह ने शादी समारोहों के दौरान हवाई फायरिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
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Harrison
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