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भविष्य में हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिससे की चीचें बेहतर हो जाएं.
चीन (China) में अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक (America top diplomat) ने कहा कि जलवायु परिवर्तन (climate change) से निपटने में सहयोग के लिहाज से चीन और अमेरिका के लिए ये बहुत अच्छा साल रहा. साथ ही कहा कि वॉशिंगटन अब भी बीजिंग को अधिक महत्वाकांक्षी कार्बन कटौती लक्ष्यों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. अमेरिकी दूतावास में नंबर दो अधिकारी डेविड मील ने कहा कि दुनिया के 2015 के पेरिस जलवायु समझौते की ओर से निर्धारित सदी के अंत तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फ़ारेनहाइट) तक सीमित करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कोयला जलाने के संबंध में चीन की कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता और कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है और दुनिया के 27 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, जो बाकी देशों की तुलना में सर्वाधिक है. मील ने कहा कि अब तक चीन ने 2060 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए अपनी समय-सीमा को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं दिखाया है, जो अन्य कई देशों की तुलना में 10 साल अधिक है.
जलवायु परिवर्तन समेत अन्य मुद्दों पर अमेरिका से सहयोग चाहता है चीन
सीनेट ने अभी तक बीजिंग में राजदूत के तौर पर राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से नामित एवं विदेश मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी निकोलस बर्न्स को मंजूरी नहीं दी है. जलवायु दूतों जॉन केरी और जी झेंहुआ के बीच घनिष्ठ संबंध और नियमित संचार का हवाला देते हुए मील ने कहा कि सहयोग की दिशा में हमारे लिए ये अच्छा साल रहा. चीन ने कई बार ये संकेत दिया है कि वो देशों के बीच जलवायु परिवर्तन समेत अन्य मुद्दों पर सहयोग चाहता है.
वहीं मील ने इस दशक में उत्सर्जन में कटौती के लिए एक साथ मिलकर काम करने के अमेरिका-चीन सौदे का हवाला दिया, जिसके तहत पिछले महीने ग्लासगो में सीआपी26 में भी चर्चा हुई और ये चीन की सहयोग की इच्छा को लेकर भी संकेत देता है. उन्होंने कहा कि ये एक बहुत ही सकारात्मक परिणाम है और भविष्य में हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिससे की चीचें बेहतर हो जाएं.
Neha Dani
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