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जिनेवा । भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर कहा है कि या तब वीटो अधिकार समाप्त कर दिए जाएं या परिषद का पुनर्गठन कर नए स्थायी सदस्यों को भी दिए जाएं। भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने महासभा में कहा, या तब मतदान के अधिकार के संदर्भ में सभी देशों के साथ समान व्यवहार किया जाए या फिर नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो दिया जाना चाहिए।
उन्होंने स्थायी सदस्यता के विस्तार के खिलाफ कुछ देशों द्वारा दिए गए तर्कों का जवाब देकर कहा, हमारे विचार में, नए सदस्यों को वीटो का अधिकार विस्तारित परिषद की प्रभावशीलता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सुधारों के लिए अंतर-सरकारी वार्ताओं (आईजीएन) में स्पष्ट रूप से परिभाषित समय-सीमा के माध्यम से परिषद के व्यापक सुधार के हिस्से के रूप में वीटो के प्रश्न का समाधान किया जाना चाहिए। आईजीएन वास्तव में रुक गया है, क्योंकि देशों के एक छोटे समूह ने प्रगति को रोकने के लिए प्रक्रिया में हेरफेर किया है। माथुर ऐतिहासिक संकल्प की पहली वर्षगांठ पर आयोजित बहस में बोल रहे थे, इसके लिए परिषद में वीटो डाले जाने के दस दिनों के भीतर चर्चा की आवश्यकता थी। जबकि सभा परिषद में वीटो को ओवरराइड नहीं कर सकती है, चर्चा करके यह वीटो करने वालों पर नैतिक दबाव लाने या उन्हें दुनिया के सामने उजागर करने की उम्मीद करती है।
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