भारतीय मूल के 41 वर्षीय सिख कार्यकर्ता अमर सिंह को ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। न्यू साउथ वेल्स सरकार ने तीन नवंबर को उन्हें स्थानीय हीरो की श्रेणी में यह पुरस्कार देने की घोषणा की। अपनी दाढ़ी और पगड़ी के कारण जातीय अपमान का अनुभव करने वाले सिंह को यह सम्मान बाढ़, जंगल की आग, सूखे और महामारी के दौरान समुदाय का समर्थन करने के लिए दिया गया।
सरकार ने अमर सिंह की टीम के सभी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए जोर दिया कि उन्होंने देश के लिए बड़ा काम किया है जो पूरे समुदाय की उपलब्धियों का सम्मान है। सिंह ने सात साल पहले ''पगड़ी 4 ऑस्ट्रेलिया'' नामक धर्मार्थ संगठन की स्थापना की, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित विस्थापितों और कमजोर लोगों का समर्थन करने की दिशा में काम करता है। न्यू साउथ वेल्स सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बहुसंस्कृतिवाद और सामाजिक एकदा के प्रमुख पैरोकार अमर सिंह ने अपनी दाढ़ी और पगड़ी के कारण जातीय अपमान का अनुभव किया है।
उधर, सिंह का मानना है कि दूसरों की मदद करना धर्म, भाषा या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि तक सीमित नहीं होना चाहिए। उनका संगठन 'टर्बन्स 4 ऑस्ट्रेलिया' पैकेज और पश्चिमी सिडनी में खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों को 450 भोजन व किराना हैम्पर्स बांटता है। संगठन ने सूखे का सामना कर रहे देश के किसानों को घास वितरित की, साथ ही बाढ़ पीड़ितों की मतत की और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कमजोर लोगों को भोजन बांटा।
नस्ली भेदभाव पर सकारात्मक जवाब
वर्ष 2015 में अपनी पगड़ी और दाढ़ी के कारण अमर सिंह ने ऑस्ट्रेलिया में नस्ली भेदभाव का सामना किया था। इसके बाद उन्होंने चैरिटी की स्थापना की। सिंह ने कहा, एक सहकर्मी ने एक बार मुझसे कहा था कि मैं आतंकवादी की तरह दिखता हूं। सड़क पर दैनिक जीवन के दौरान भी अजनबियों ने मुझसे कई बार पूछा कि क्या मैं बम ले जा रहा हूं या अपनी पगड़ी के नीचे क्या छिपा रहा हूं। मैं चाहता था कि ऑस्ट्रेलियाई लोग सिखों को ऐसे लोगों के रूप में देखें जिन पर भरोसा किया जा सकता हो और जरूरत के वक्त उनकी तरफ रुख किया जा सकता हो।
आगे भी जारी रखेंगे ऐसे कार्य
अमर सिंह ने कहा, मैं अपनी टीम के सभी कार्यकर्ताओं को दिन-रात काम करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि इसका श्रेय उन्हें ही जाता है। उन्होंने कहा, मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारा राष्ट्रीय धर्मार्थ संगठन बहुसंस्कृतिवाद के प्रतिमानों को आगे भी जारी रखेगा और एक विनम्र सिख होने के नाते मुझे उम्मीद है कि हमारी टीम दान और करुणा को बढ़ावा देना जारी रखेगी।