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लंदन (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक 27 वर्षीय व्यक्ति को 2019 में अपने पूर्व मित्र की हत्या करने और उसके अधजले हुए शरीर को कालीन में लपेट कर पश्चिमी लंदन में एक उथली कब्र में फेंकने का दोषी ठहराया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
चार साल की लंबी जांच के बाद गुरुवार को ओल्ड बेली में एक मुकदमे के बाद हॉर्ले के अमरज पूनिया को 27 वर्षीय मोहम्मद शाह सुभानी की हत्या का दोषी पाया गया।
हत्या में पूनिया के साथी, उनके भाई रानिल पूनिया, मोहनाद रियाद और महमूद इस्माइल को न्याय प्रक्रिया को विकृत करने का दोषी पाया गया।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक बयान में कहा कि इन चारों को बाद की तारीख में एक ही अदालत में सजा सुनाई जाएगी।
डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर विक्की टुनस्टाल ने कहा, "अमराज पूनिया एक खतरनाक व्यक्ति है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अब उसे और उसके साथियों को दोषी ठहराए जाने के बाद पश्चिम लंदन की सड़कें कहीं अधिक सुरक्षित हैं।"
अदालत को बताया गया कि कैसे 7 मई 2019 को हाउंस्लो में एक पारिवारिक प्लंबिंग संस्थान में हत्या को अंजाम दिया गया था। सुभानी को एक स्थानीय ड्रग डीलर ने पांच किलोग्राम भांग की देखभाल करने के लिए कहा था, जिसमें से उसने एक किलोग्राम देखभाल के लिए पूनिया को दे दीं।
लेकिन पूनिया ने 5,000 पाउंड मूल्य का ड्रग्स चोरी कर लिया जिससे सुभानी कर्ज में डूब गया। इस कारण दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी हो गई। पूनिया और सुभानी पुनिया के पारिवारिक प्लंबिंग संस्थान में 7 मई 2019 को मिलने के लिए सहमत हुए।
परिसर में प्रवेश करने के कुछ देर बाद ही सुभानी की हत्या कर दी गयी। अगले दिन, पूनिया ने अपने भाई रानिल के साथ सुभानी के शव को एक वाहन के पीछे रख दिया। पुलिस ने कहा कि हत्या करने और उसके शव को परिसर से हटाने के बावजूद, पूनिया उसी शाम सुभानी के घर गया और उसके परिवार की चिंताओं को साझा करने का नाटक किया।
सुभानी के शव को हाउंस्लो के भीतर एक अज्ञात स्थान पर एक कार की डिक्की में रखा गया था। पूनिया और उसके सहयोगियों ने योजना बनाई थी कि इसे कहां और कैसे निपटाना है।
रानिल और उसके साथी महमूद इस्माइल 11 मई 2019 के शुरुआती घंटों में एक अन्य व्यक्ति के साथ दो कारों के काफिले में बकिंघमशायर के एक छोटे से गाँव की ओर निकले, जहाँ आधी रात में उन्होंने सुभानी के शव को आग लगा दी और फिर उसे एक उथली कब्र में दफना दिया।
पूनिया और सुभानी के एक भाई के बीच लड़ाई के कारण 13 मई को हत्यारे की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद अधिकारियों ने प्लंबिंग संस्थान की व्यापक फोरेंसिक खोज की जहां सुभानी के खून के छींटे मिले।
व्यापक सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा, फोन डेटा विश्लेषण और पूछताछ के बावजूद सुभानी के शव का पता नहीं लगाया जा सका।
जांच में एक सफलता छह महीने बाद तब मिली जब दफन स्थल पर मौजूद एक अज्ञात व्यक्ति जो हत्या में शामिल नहीं था, एक पुलिस स्टेशन में गया और शव के स्थान के बारे में जानकारी दी और उसे ढूंढने में पुलिस की सहायता की।
पूरी जांच के दौरान, कुल छह प्रतिवादियों पर हत्या में उनकी भूमिका और उसके बाद उसे छुपाने का आरोप लगाया गया। मुकदमे के दौरान, पूनिया ने कहा कि उसने आत्मरक्षा में सुभानी की हत्या की थी। जूरी ने इस दावे को खारिज कर दिया।
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