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मिश्रा भी ड्रियू यूनिवर्सिटी में पोलिटिकल साइंस व अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
भारतीय-अमेरिकी स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. मीना शेषमणि को 'यूएस सेंटर फॉर मेडिकेयर' का निदेशक नियुक्त किया गया है। इस बीच, विभिन्न क्षेत्रों के तीन भारतीय अमेरिकी विशेषज्ञों को एएपीआइ विक्ट्री एलायंस के थिंक टैंक एडवाइजरी बोर्ड में शामिल किया गया है। इनके नाम मनीष बापना, पवन ढींगरा और संजय मिश्रा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नेतृत्व में स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. मीना शेषमणि ने सत्ता हस्तांतरण के दौरान स्वास्थ्य एवं मानव सेवा एजेंसी समीक्षा दल के साथ भी काम किया था।
शेषमणि मेडिकेयर कवरेज पर निर्भर 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों, दिव्यांगों और गुर्दे की बीमारी से पीडि़त लोगों की सेवा करने में संस्थान के प्रयासों का नेतृत्व करेंगी। 'सेंटर फॉर मेडिकेयर' के उप प्रशासक एवं निदेशक के रूप में डॉ. शेषमणि का कार्यकाल छह जुलाई से शुरू हुआ।सीएमएस (मेडिकेयर एवं मेडिकेड सेवाओं के केंद्रों) प्रशासक चिक्विटा ब्रूक्स-लासुर ने कहा, 'एक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकारी, स्वास्थ्य अर्थशास्त्री, चिकित्सक और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ के रूप में मीना शेषमणि सीएमएस के लिए काम करेंगी।'
उन्होंने कहा, 'मेडिकेयर पर भरोसा करने वाले लोगों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना, जैसा कि हम करते आए हैं और इसे आगे बढ़ाना सीएमएस की प्राथमिकता है। मैं खुश हूं कि डॉ. शेषमणि उप प्रशासक और सेंटर फॉर मेडिकेयर के निदेशक के रूप में इस संबंध में एक नया दृष्टिकोण पेश करेगी कि स्वास्थ्य नीति का रोगियों के वास्तविक जीवन पर क्या असर पड़ता है।'
शेषमणि ने ब्राउन यूनिवíसटी से बिजनेस इकोनॉमिक्स में बीए ऑनर्स किया है। यूनिवíसटी ऑफ पेनसिल्वेनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन से एमडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्वास्थ्य अर्थशास्त्र में पीएचडी की है।इस बीच, तीन भारतीय अमेरिकी विशेषज्ञों मनीष बापना, पवन ढींगरा और संजय मिश्रा को एएपीआइ विक्ट्री एलायंस के थिंक टैंक एडवाइजरी बोर्ड में रखा गया है। बापना वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के अंतरिम अध्यक्ष और सीईओ हैं। जबकि ढींगरा अमेरिकन स्टडीज और आर्महेस्ट कालेज में एंथ्रोपलोजी के प्रोफेसर हैं। मिश्रा भी ड्रियू यूनिवर्सिटी में पोलिटिकल साइंस व अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
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