कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि भारत आजकल इस्लामिक देशों की ओर ज्यादा ध्यान क्यों दे रहा है? हाल ही में प्रधानमंत्री मिस्र की यात्रा पर गये थे अब वह यूएई जा रहे हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया की यात्रा पर गये। इस सबको कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत इस्लामिक देशों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा बल्कि इस्लामिक देश भारत के करीब आ रहे हैं। यह बात सही है कि कुछ समय पहले तक इस्लामिक देशों ने भारत से दूरी बनाये रखी थी और पता नहीं किस डर से भारत की सरकार भी इस्लामिक देशों से निकटता नहीं बढ़ा रही थी मगर वर्तमान सरकार ने अपनी कुशल विदेश नीति से सबका दिल जीत लिया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आज इस्लामिक देशों में मंदिर बन रहे हैं, उनका सर्वोच्च सम्मान भारत के प्रधानमंत्री को दिया जा रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की कोशिशें दोनों ओर से हो रही हैं इसलिए प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों का इस्लामिक देशों का दौरा भी हो रहा है। इसके अलावा यह एक तथ्य है कि इस्लामिक देशों ने भले अपने विभिन्न संगठन बना रखे हों लेकिन अधिकतर समय तक इन्हें अमेरिका ही नियंत्रित करता रहा। अब अमेरिका पीछे हटा है तो उस जगह को भरने के लिए भारत आ रहा है। वैसे भी कई इस्लामिक देश सुरक्षा तथा अन्य मुद्दों को लेकर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें भारत ही भरोसेमंद सहयोगी के तौर पर दिख रहा है। चाहे हथियार खरीदने की बात हो या फिर संयुक्त युद्धाभ्यास की, इस्लामिक देश भारत की ओर देख रहे हैं। इस्लामिक देश यह भी देख रहे हैं कि उनकी कुल आबादी से ज्यादा संख्या में मुस्लिम भारत में रहते हैं और वहां उनको हर अधिकार तथा सहुलियतें हासिल हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा के भारत दौरे पर भी सबको गौर करना चाहिए। उन्होंने भारत दौरे के दौरान दिये अपने संबोधन में कहा है कि भारत में विचार की विविधता ने उन्हें काफी प्रभावित किया और उन्होंने ऐसा शांतिपूर्ण सह अस्तित्व कहीं नहीं देखा, जैसा कि उन्हें इस देश में देखने को मिला है। भारत की यात्रा पर आये अल-इस्सा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की। अल-इस्सा ने अरबी में कहा कि भारतीय दर्शन मानव की प्रगति में सहायक है। उन्होंने कहा कि भारत में विचार की विविधता ने मुझे काफी प्रभावित किया है...विश्व भारत के ज्ञान से लाभान्वित हो सकता है।