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शरीफ सरकार को इमरान की चेतावनी, बोले- PTI कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं रुका तो...

Neha Dani
3 Sep 2022 8:28 AM GMT
शरीफ सरकार को इमरान की चेतावनी, बोले- PTI कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं रुका तो...
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राष्ट्र को संगठित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का आग्रह किया है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शहबाज सरकार को चेतावनी दी। इमरान खान ने कहा कि अगर उनकी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक प्रताड़ना जारी रही तो वह इस्लामाबाद तक एक विशाल आंदोलन मार्च शुरू करेंगे। देश के सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत के गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न रूकना चाहिए।


इमरान खान ने दी शहबाज सरकार को चेतावनी
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने इमरान खान के हवाले से कहा कि इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा था। रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया कि अगर मौजूदा सरकार ने पीटीआई समर्थकों को निशाना बनाना बंद नहीं किया तो एक विशाल आंदोलन मार्च इस्लामाबाद की ओर बढ़ेगा।

कार्यकर्ताओं पर हो रहे उत्पीड़न को बंद करे सरकार- इमरान
इमरान खान ने कहा मैं आज पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को चेतावनी दे रहा हूं, अगर आप राजनीतिक उत्पीड़न करते रहे तो हमारा न्याय आंदोलन इस्लामाबाद की ओर बढ़ेगा और आपके पास छिपने के लिए जगह भी नहीं होगी। इमरान खान ने हाल ही में अपने करीबी सहयोगी शाहबाज गिल सहित उनकी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने पर प्रतिक्रिया दी।

नेताओं और पत्रकारों को किया जा रहा प्रताड़ित- इमरान
पीटीआई अध्यक्ष इमरान ने गिल पर कथित रूप से बल प्रयोग करने के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे प्रताड़ित किया गया। खान ने कहा कि पत्रकार जमील फारूकी को भी प्रताड़ित किया गया। उसे नंगा किया और अपमानित भी किया गया। हलीम आदिल के खिलाफ भी कई मामले हैं। उसे जेल में भी प्रताड़ित किया जा रहा है। शुक्रवार को अपने संबोधन के दौरान खान ने युवाओं से कहा कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इसलिए आप सभी को मेरे साथ आना होगा।

मुझे जेल में बंद करके रखा गया- इमरान
इमरान खान ने आगे कहा कि 26 साल पहले जब मैंने अपनी यात्रा शुरू की थी, तो हमने कहा था कि न्यायपालिका स्वतंत्र होनी चाहिए ताकि यह लोगों के अधिकारों की रक्षा करे। मैं अकेला राजनीतिक नेता था, जिसे इस दौरान सलाखों के पीछे रखा गया था। हमने न्यायपालिका के 2008 के चुनावों का बहिष्कार किया। इस बीच, डॉन अखबार ने बताया कि राष्ट्रपति ने सभी हितधारकों से राष्ट्र को संगठित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का आग्रह किया है।

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