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इस्लामाबाद (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ वर्तमान में देश भर के पुलिस थानों और अदालतों में 150 से अधिक कानूनी मामले दर्ज हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान और मौजूदा गठबंधन सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने इस लोकप्रिय नेता के समक्ष बाधा खड़ी हो सकती है। उन्हें कानूनी दाव-पेच में उलझान उनके विरोधियों की रणनीति प्रतीत होती है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी मामले, जिनमें से कुछ राजनीति से प्रेरित हो सकते हैं, गंभीर प्रकृति के हैं। उन पर आतंकवाद और हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया गया है। उनके समर्थकों द्वारा किए गए हंगामे उनके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं।
वर्तमान गठबंधन सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के पास इमरान खान की लोकप्रियता का तो कोई जवाब नहीं है। लेकिन वे कानूनी रूप से उलझा कर उनके राजनीतिक भविष्य के समक्ष संकट खड़ा करने की योजना बनाते प्रतीत होते हैं। इमरान को फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिए विरोधी हरसंभव तैयारी कर रहे हैं। उनको चुनाव लड़ने के अयोग्य साबित करने का भी प्रयास किया जा सकता है।
तोशखाना केस और अल-कादिर ट्रस्ट भूमि घोटाला सहित कुछ महत्वपूर्ण मामलों में खान को अदालतों के माध्यम से अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है।
इमरान खान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा निषिद्ध धन मामले में नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जो अब पीटीआई प्रमुख के रूप में उन्हें हटाने और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग कर रहा है।
अल-कादिर ट्रस्ट भूमि घोटाला मामला भी अरबों रुपये का एक और भ्रष्टाचार का मामला है, इसमें खान पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा एक प्रसिद्ध व्यवसायी मलिक रियाज को कम से कम 60 अरब रुपये की समझौता राशि की सुविधा देने का आरोप लगाया गया है। जिसे मलिक रियाज ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में भूमि समझौता मामले में भुगतान किया था।
हालांकि, उस समय के प्रधान मंत्री होने के नाते, इमरान ने मलिक रियाज के खाते में पैसा वापस स्थानांतरित कर दिया था। इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने मलिक रियाज के लिए 60 अरब पीकेआर को सफेद करने के लिए रिश्वत के रूप में 5 अरब पीकेआर स्वीकार किए।
आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने अपने हालिया बयान में कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे इमरान खान को अब आसानी से पकड़ से बाहर न जाने दें। वह स्पष्ट संकेत देते हुए कि खान के राजनीतिक खतरे को कानूनी तरीके से निपटाया जाएगा।
--आईएएनएस
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