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विदेश में हिंदू महिला बनी असिस्टेंट कमिश्नर, पढ़े सफलता की कहानी

Nilmani Pal
14 Feb 2023 2:17 AM GMT
विदेश में हिंदू महिला बनी असिस्टेंट कमिश्नर, पढ़े सफलता की कहानी
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सोर्स न्यूज़   - आज तक  

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पाकिस्तान। पाकिस्तान में पहली बार केन्द्रीय सर्वोच्च सेवा (CSS) परीक्षा पास करने वाली हिंदू महिला सना रामचंद (27) गुलवानी को पोस्टिंग मिल गई है. उन्हें पंजाब प्रांत के हसनाब्दाल (Hassanabdal) शहर का असिस्टेंट कमिश्नर (Assistant Commissioner) नियुक्त किया गया है. पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन के मुताबिक सना सिंध प्रांत के शिकारपुर शहर में पली-बढ़ी हैं. उन्होंने संघीय लोक सेवा आयोग में दाखिला लेने से पहले अपने माता-पिता की इच्छा पर डॉ. बनने के लिए स्नातक की उपाधि हासिल की. वह 2020 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज (CSA) परीक्षा पास करने के बाद पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PSA) में शामिल होने वाली हिंदू समुदाय की पहली महिला बनीं थीं.

उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली थी. उन्होंने 2016 में शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की डिग्री के साथ यूरोलॉजिस्ट के रूप में स्नातक किया था. इसके बाद उन्होंने CSS परीक्षा की तैयारी शुरू की. परीक्षा में पास होने के बाद सना रामचंद ने ट्वीट किया था, 'वाहे गुरू जी का खालसा वाहे गुरू जी की फतेह.' इसके साथ ही उन्होंने लिखा था, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है, अल्लाह के फजल से मैंने CSS 2020 की परीक्षा पास कर ली है और PAS के लिए मेरा चयन हो गया है. इसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है.'

सना गुलवानी ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैं पहली हूं या नहीं, लेकिन मैंने अपने समुदाय से किसी (महिला) को परीक्षा में शामिल होते नहीं देखा.' पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं. पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में रहती है. पाकिस्तान की हिंदू आबादी के लिए सना गुलवानी का इस मुकाम तक पहुंचना बहुत बड़ी बात है. क्योंकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर आए दिन जुल्म के मामले सामने आते रहते हैं. आए दिन किसी न किसी हिंदू परिवार की लड़की को जबरन किडनैप कर उसकी किसी से भी शादी करा दी जाती है. इसके बाद जबरन उसे इस्लाम कबूल करा दिया जाता है. इस डर से ही ज्यादातर हिंदू परिवार अपनी बेटियों को घर से बाहर भेजने में भी डरते हैं.


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