विश्व

बकरी अनुसंधान संस्थान की खोज से कृत्रिम गर्भाधान को लगेंगे पंख

Teja
15 Dec 2022 6:50 PM GMT
बकरी अनुसंधान संस्थान की खोज से कृत्रिम गर्भाधान को लगेंगे पंख
x
मथुरा। :भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीनस्थ केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदमू, फरह, मथुरा के एक वैज्ञानिक ने बकरे के हैमीकृत (फ्रोजेन) वीर्य का उपयोग कर लैैप्रास्कोप तकनीक द्वारा कृत्रिम गर्भाधान करने का एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जिसके उपयोग करने से पशु के गर्भधारण करने की क्षमता लगभग शत प्रतिशत हो जाएगी।
संस्थान के वैज्ञानिक डा योगेश सोनी ने बताया कि उन्होंने इसका प्रयोग एक बकरी पर किया था जिसने हाल में एक मेमने को जन्म दिया है। यह मेमना और उसकी बकरी मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
उन्होंने बताया कि लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी केे गर्भाधान से मेमने का जन्म भारत में वैज्ञानिकों द्वारा किया गया प्रथम सफल प्रयास है। संस्थान के निेदेशक डा मनीष कुुमार चेटली ने संस्थान की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए दिसम्बर माह के पहले हफ्ते में जन्मे इस नर मेमने का नाम 'अजायश' रखा है।
डा सोनी ने बताया कि दुरबीन तकनीक द्वारा कृत्रिम गर्भाधान (लैप्रोस्कोपिक आर्टीफिशियल इनसेमिनेशन) तकनीक भेड़ एवं बकरियों में प्रयोग होने वाली एक नयी पद्धति है जिसके द्वारा उच्च कोटि के बकरों के वीर्य का अधिक से अधिक स्तेमाल किया जा सकता है जिससे बकरीपालन और समृद्ध होगा।
निदेशक चेटली ने वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए शोध टीम में शामिल वैज्ञानिक डा एस डी खर्चे, डा योगेश कुमार सोनी, डा एस पी सिंह, डा रवि रंजन एवं डा आर पुरूषोत्तम को बधाई दी है।
Next Story