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लेकिन यदि पाकिस्तान इससे बाहर आ जाता है तो ये वहां पर निवेश के लिए एक हरी झंडी होगी।
पाकिस्तान को बीते करीब 4 वर्षों से अधिक समय से FATF (Financial Action Task Force) ने ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है। अब इसके ग्रे लिस्ट से बाहर आने की उम्मीद की जा रही है। यदि ऐसा हो जाता है तो ये पाकिस्तान के लिए एक बड़ी खुशखबरी होगी। इसके अलावा ये पाकिस्तान की मौजूदा शहबाज शरीफ की सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी। वर्ष 2018 में पाकिस्तान को आतंकवाद पर नकेल कसने में विफल रहने के चलते FATF ने इसको ग्रे लिस्ट में शामिल किया था। तभी से इस पर ब्लैक लिस्ट होने की भी तलवार लटकी हुई थी। हालांकि, इस दौरान पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट तो नहीं हुआ लेकिन ग्रे लिस्ट से बाहर आने की उसकी हर योजना विफल रही। पाकिस्तान ने कई बार इसको लेकर भारत पर आरोप भी लगाया था।
20-21 अक्टूबर को होगी अहम बैठक
एफएटीएफ का कहना है कि इसके प्लेनरी सेशन की शुरुआत पेरिस में 20-21 अक्टूबर को सिंगापुर के अध्यक्ष टी राजा की अध्यक्षता में होने वाली है। इसमें करीब 206 सदस्य हिस्सा लेंगे, जिसमें आईएमएफ, इंटरपोल, वर्ल्ड बैंक, एगमोंट ग्रुप आफ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट्स और यूएन के अधिकारी भी शामिल होंगे। दो दिन चलने वाली इस बैठक के बाद एफएटीएफ पाकिस्तान को लेकर अपना फैसला सुनाएगी। इस दौरान होने वाली चर्चा में आतंकवाद को पोषित करने के इरादे से हो रही फंडिंग पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान ने क्या कदम उठाए हैं और इनका कितना फायदा हुआ है, के बारे में चर्चा होगी। पाकिस्तान मीडिया ने उम्मीद जताई है कि इस बार उसको इसकी ग्रे लिस्ट में से निकलने की कामयाबी मिल जाएगी। इस आगामी बैठक में पाकिस्तान दस्तावेजी सबूत भी पेश करेगा।
जून 2018 से ग्रे लिस्ट में शामिल
बता दें कि पाकिस्तान को एफएटीएफ ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। एफएटीएफ ने उस वक्त आतंकवाद को होने वाली गलत फंडिंग, अनियमितता, जांच में कमी, गैर सरकारी संस्थानों में मनी लाड्रिंग को विश्व के वित्तीय सिस्टम के लिए बड़ा खतरा माना था। FATF ने पहले पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा था। इसके बाद इन बिंदुओं को बढ़ा कर 34 और फिर 40 तक कर दिया गया था। पाकिस्तान को अब पेरिस में होने वाली चर्चा के परिणामों का बेसर्बी से इंतजार हो रहा है।
एशिया पेसेफिक ग्रुप का सदस्य है पाकिस्तान
पिछले कुछ माह में FATF की एक और एजेंसी एशिया पेसेफिक ग्रुप जिसका पाकिस्तान सदस्य है, ने पाकिस्तान का दौरा कर ये जाना था कि FATF के निर्धारित बिंदुओं में से कितने पर अब तक काम किया है। पाकिस्तान सरकार ने सितंबर में एशिया पेसेफिक ग्रुप के इस दौरे का काफी सफल बताया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री का कहना है कि इस दौरे में एशिया पेसेफिक ग्रुप के सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है। विदेश मंत्रालय का यहां तक कहना है कि उसके पास में ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए एक मजबूत आधार है।
यदि ऐसा हुआ तो
इन सभी के बावजूद ये आने वाला समय ही बताएगा कि पाकिस्तान FATF से बाहर आता है या नहीं। आपको बता दें कि यदि पाकिस्तान इससे बाहर आने में सफल हो जाता है तो उसके लिए विदेशी निवेश को लाने की राह खुल जाएगी। मौजूदा हालातों में पाकिस्तान में यदि कोई देश निवेश करता है तो ये उसका अपना रिस्क होगा। लेकिन यदि पाकिस्तान इससे बाहर आ जाता है तो ये वहां पर निवेश के लिए एक हरी झंडी होगी।
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