जापानी नागरिकों ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को अंतिम विदाई दी। उनका आज एक मंदिर में परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश के सबसे लंबे समय तक पीएम रहे आबे की हत्या नारा शहर के चुनाव अभियान के दौरान भाषण देते वक्त गोली मारकर की गई थी।
उनकी हत्या से पूरा देश और विश्व जगत स्तब्ध रह गया। दो साल पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शामिल आबे को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग टोक्यो स्थित जोजोजी मंदिर के बाहर एकत्र हुए। आबे के पार्थिव शरीर को लेकर जब फूलों से सजा वाहन और अन्य वाहनों का काफिला जोजोजी मंदिर की ओर बढ़ा तो शोकाकुल लोगों ने अपने हाथ हिलाए, अपने दिवंगत नेता की तस्वीरें स्मार्टफोन से लीं और कुछ ने 'आबे सान!' कहा। अंतिम संस्कार के दौरान आबे की पत्नी अकी आबे, करीबी परिजन, पीएम फुमिओ किशिदा और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
सैन्य मजबूती व कोविड के प्रभाव से निपटने का संकल्प
जापान के पूर्व पीएम की हत्या के बाद हुए चुनाव में जीती उनकी पार्टी एलडीपी के दोबारा सत्ता हासिल करने पर प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा कि हम न सिर्फ सेना मजबूत करेंगे बल्कि संविधान को संशोधित भी करेंगे। उन्होंने देश में बंदूक अपराध को दुर्लभ बताते हुए कहा कि इस संस्कृति को पनपने नहीं दिया जाएगा। किशिदा पूर्व नेता को शोक जताने के लिए बौद्ध मंदिर में आए थे। उन्होंने कोविड-19 के प्रभाव से निपटने का भी संकल्प लिया।
ताइवानी उपराष्ट्रपति के अंतिम संस्कार में पहुंचने की चीन ने ली घोर आपत्ति
चीन के विदेश मंत्रालय ने जापान में पूर्व पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में भाग लेने पहुंचे ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई की मौजूदगी पर कड़ा एतराज जताया। चीनी विदेश मंत्रालय के जापान स्थित उसके दूतावास ने यह आपत्ति जापानी सरकार के समक्ष दर्ज करा दी है। चीन ने कहा, यह ऐसा कदम है जो बीजिंग को परेशान करता है क्योंकि ताइवान लोकतांत्रिक रूप से उसके क्षेत्र में आता है। मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में क हा, ताइवान निश्चित ही चीन का हिस्सा है लेकिन लाई इसके तथाकथित उपराष्ट्रपति नहीं हैं।
श्रीलंका में मनाया गया राष्ट्रीय शोक दिवस
संकटग्रस्त श्रीलंका ने मंगलवार को जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के सम्मान में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। लोक प्रशासन मंत्रालय के सचिव एचके मायादुन्नाथे ने कहा कि राज्य भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जबकि दिन पूरी तरह से कार्य दिवस रहेगा और कोई अवकाश नहीं होगा। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जापानी दूतावास में आबे के लिए शोक पुस्तक पर हस्ताक्षर किए।