दक्षिणी बंदरगाह शहर सिडोन के पास लेबनान के सबसे बड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में रविवार को भारी झड़प हो गई। इस घटना में कम से कम पांच लोग मारे गए और सात अन्य घायल हो गए। वही, फिलिस्तीनी गुट फतह ने एक अभियान के दौरान कमांडर अशरफ अल-आर्मोची और उनके चार साथियों के मारे जाने की पुष्टि की।
यह है मामला
गुट फतह ने लेबनान में फिलिस्तीनी शिविरों की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के उद्देश्य से घृणित और कायरतापूर्ण अपराध की निंदा की। वहीं, फिलीस्तीनी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक अज्ञात बंदूकधारी ने सशस्त्र समूह के सदस्य महमूद खलील की हत्या करने की कोशिश की। हालांकि खलील को कुछ नहीं हुआ, लेकिन उनका एक साथी मारा गया। इसके बाद ईन अल-हिलवे शिविर में लड़ाई शुरू हो गई। इस घटना में कम से कम पांच लोग मारे गए। वहीं, सात लोग घायल हुए हैं। लेबनान की सरकारी एजेंसी का कहना है कि घायलों में दो बच्चे भी शामिल हैं।
लेबनानी सेना ने बताया कि मोर्टार का एक गोला शिविर के बाहर एक सैन्य बैरक पर गिरा। इससे एक सैनिक घायल हो गया, जिसकी हालत स्थिर है।
50 हजार से अधिक रहते हैं लोग
ईन अल-हिलवे शिविर में अपनी अराजकता के लिए जाना जाता है। वहां हिंसा होना आम बात है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि शिविर में लगभग 55,000 लोग रहते हैं, जिसे 1948 में इस्राइली सेना द्वारा विस्थापित फिलिस्तीनियों को रखने के लिए स्थापित किया गया था, जिसे फिलिस्तीनी नकबा कहते हैं। वहीं, यूएनआरडब्ल्यूए के अनुसार लेबनान में 450,000 से अधिक फिलिस्तीनी रहते हैं। इनमें से अधिकांश लोग 12 शरणार्थी शिविरों में से एक में रहते हैं।
सुबह भी गोलीबारी जारी
शिविर में असॉल्ट राइफलों और रॉकेट चालित ग्रेनेड लॉन्चरों के साथ गुटों में झड़प हुई और हथगोले फेंके गए। सुबह कई घंटों तक लड़ाई रुकी रही। हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी छिटपुट गोलीबारी हो रही है। कहा जा रहा है कि फिलिस्तीनी जनरल और उसके रक्षकों की हत्या के बाद लड़ाई फिर से भड़क उठी।
लोग घर छोड़कर भागे
गोलीबारी के कारण शिविर के पास सिडोन पड़ोस के कुछ निवासी अपने घरों से भाग गए। यहां गोलियों ने इमारतों को निशाना बनाया व खिड़कियां और स्टोरफ्रंट को तोड़ दिया। सार्वजनिक सिडोन जनरल अस्पताल ने अपने कर्मचारियों और मरीजों को बाहर निकलने को कहा।
फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के अनुसार, इस झड़प के कारण दो स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गए। यहां करीब दो हजार छात्र पढ़ते थे। वहीं, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने झड़पों की निंदा की।