कराची सिंध उच्च न्यायालय (एसएचसी) ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) और पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को टेलीविजन अभिनेत्री कुबरा खान के खिलाफ सोशल मीडिया साइटों पर मानहानिकारक और निंदनीय ऑनलाइन सामग्री को हटाने का निर्देश दिया।
जियो न्यूज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह, ब्रिटेन स्थित यूट्यूबर और सेवानिवृत्त सेना अधिकारी आदिल फारूक रजा ने कुछ अभिनेत्रियों पर उनके आद्याक्षर – एस.ए., के.के., एम.एच और एच.के. का उल्लेख करके गंभीर आरोप लगाए। इन अभिनेत्रियों में से एक कुबरा खान थीं। उन्होंने सेवानिवृत्त रजा से कहा कि वे उन पर लगाए गए आरोपों के सबूत दिखाएं। अगर सबूत नहीं हैं तो अपने बयान वापस लें और सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। अगर माफी नहीं मांगते हैं, तो वे उन पर मानहानि का मुकदमा करेंगी।
यह अंतरिम आदेश अभिनेत्री द्वारा सोशल मीडिया पर उनके और तीन अन्य टीवी अभिनेत्रियों के खिलाफ एक निंदनीय और अपमानजनक अभियान के खिलाफ दायर याचिका पर आया। उन्होंने कहा कि उनकी शालीनता और गरिमा का अपमान किया जा रहा है कि उनका उपयोग एजेंसियों द्वारा सुरक्षित घरों में समझौता करने की स्थिति में राजनेताओं को लुभाने के लिए किया गया था।
याचिकाकर्ता के एक वकील ने कहा कि श्री रजा ने बाद में एक और वीडियो अपलोड किया, जहां उन्होंने इस मुद्दे को स्पष्ट किया और अपने पहले के संस्करण से मुकर गए, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान सोशल मीडिया पर अपलोड की गई सामग्री के कारण याचिकाकर्ता सहित अभिनेत्रियों की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई थी।
उन्होंने प्रस्तुत किया कि ऐसी सामग्री को हटाने के लिए एफआईए और पीटीए से संपर्क किया गया, लेकिन यूट्यूबर के खिलाफ न ही कोई कार्रवाई की गयी और न ही मानहानिकारक और अपमानजनक सामग्री को हटाने के लिए कार्रवाई की गई।
उन्होंने उच्च न्यायालय से पीटीए और एफआईए को पीईसीए कानून के अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति सलाउद्दीन पंवार की अध्यक्षता वाली एसएचसी की एक खंडपीठ ने एफआईए, पीटीए और अन्य को नोटिस जारी किया, जिसमें मानहारिक सामग्री को हटाने के लिया कहा है।
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